परिवहन निरीक्षक व उपनिरीक्षकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, समस्याओं का निराकरण कर के लिए मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन
भिवाड़ी। राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ अलवर रीजन की ओर से सोमवार को परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के निरीक्षक व उपनिरीक्षकों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया तथा अलवर में एडीएम सिटी नवीन यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 11 सूत्री लंबित समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ अलवर रीजन अध्य्क्ष ग्रेस कुमार अग्रवाल, महासचिव दीपक शर्मा, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार, जल सिंह मीना, धर्म सिंह मीना, कमल दूबे, मनोज शर्मा, शालिनी सिंह, दुलारी सेनी, समुंदर सिंह, योगेश कुमार व नरेश कुमार शामिल थे। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवाया गया है कि परिवहन निरीक्षक वर्ग सदैव सरकार के साथ खड़ा रहकर सरकारी आदेशों की पालना अन्य विभाग की तुलना में त्वरित गति से करता है। वर्तमान बजट में राजस्थान सरकार द्वारा परिवहन निरीक्षकों की लगातार उपेक्षा किए जाने के कारण गत 16 फ़रवरी 2023 को राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ की कार्यसमिति द्वारा संघ के मुख्य संरक्षक और संरक्षक सलाहकार मंडल, कार्यकारी सदस्यों व प्रांतीय समन्वयकों (provincial coordinator ) के साथ साथ अलग अलग चरणों में ज़ूम बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिवहन निरीक्षकों के मामलों की लगातार उपेक्षा किए जाने व राजस्थान सरकार द्वारा बजट में परिवहन विभाग की उपेक्षा किए जाने पर चर्चा की गई। परिवहन निरीक्षक संघ अलवर के महासचिव दीपक शर्मा ने बताया कि विभाग की सेवाओं का वाहन निर्माताओं व वाहन डीलरों, राजनीतिक भागीदारों के दबाव में अनावश्यक निजीकरण करने पर आक्रोश प्रकट किया गया। प्रशासनिक सुधार एवं मानव संसाधन विकास एवं जन शक्ति आयोजना समिति वर्ष 2012, राजस्थान सरकार जयपुर के प्रतिवेदन संख्या 16 ( परिवहन विभाग, अगस्त 2012 ) के अनुरूप व बढ़ती वाहनों की संख्या व उनके यातायात प्रबंधन व सार्वजनिक परिवहन प्रबंधन की चुनौतियों के साथ सुरक्षित यातायात व सड़क सुरक्षा के मद्देनज़र कई सालों से विभाग का कैडर रिव्यू नहीं किए जाने व वेतन विसंगति के प्रकरणों में अनदेखी पर आक्रोश प्रकट किया गया। इसी तरह न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के उपरांत निरीक्षकों को लाभ नही दिया जाने व बदले की भावना के साथ विभागीय कार्यवाही करने व सड़क सुरक्षा जैसे तकनीकी बिन्दुओं पर परिवहन निरीक्षकों तकनीकी योग्यता व मोटर वाहन अधिनियम की भावना की उपेक्षा कर गैर तकनीकी लोगों को क्रैश इन्वेस्टिगेशन, वाहन पंजीयन, फिटनेश, चालन दक्षता परीक्षण जैसे काम देने एवं निरीक्षकों के ख़िलाफ़ उनकी कार्यशैली के आधार पर दर्ज प्रकरणों में लाभ नहीं देने पर नाराज़गी व्यक्त की गयी। राजस्व संग्रहण के दौरान आए दिन होने वाली घटनाओं के ख़िलाफ़ संरक्षण प्रदान नहीं करने, एसीपी पदोन्नति जैसे प्रकरणों को जानबूझकर लंबित रखने व परिवहन माफ़ियाओं पर कार्यवाही के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाने पर रोष प्रकट किया गया। इसके अलावा प्रवर्तन शाखा को जानबूझकर निष्क्रिय रखने तथा संघ द्वारा समय समय पर दिए गए ज्ञापनों को गम्भीरता से नहीं लिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। इन सभी मुद्दों पर निरीक्षकों की उपेक्षा से राज्य सरकार केंद्रीय मोटर यान अधिनियम 1988 तथा संशोधित मोटर यान संशोधन अधिनियम 2019 व उसके तहत बने नियमों के अधीन अपनी शक्तियों, कृत्यों, एवं कर्तव्यों, जो उस पर इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त किए गए है, के निर्वहन के लिए निर्धारित सड़क सुरक्षा के लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रही है। निजी सेवा प्रदाताओं, वाहन डीलरों, फिटनेश सेंटेरों, निजी ड्राइविंग ट्रैक संचालकों द्वारा आम जनता को खुल कर लूटा जा रहा है। जिसका ज़िम्मेवार निरीक्षकों को मानकर दंडित कर इतिश्री कर ली जाती है। जिससे विभाग बदनाम हो रहा है। उपरोक्त कारणों से आम जनता में विभाग निरीक्षकों की नकारात्मक छवि बन रही है। राज्य सरकार इसी आधार पर निरीक्षकों की माँगों पर विचार नहीं करती है।