
युवाओं को नियोजन में प्राथमिकता देने वाली नीति बनाएगी राजस्थान सरकार
जयपुर। राजस्थान के कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अशोक चांदना ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने का विचार रखती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में इस बारे में कोई नीति निर्माण करने पर विचार किया जाएगा। चांदना प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनोमी सरकारी संस्था न होकर एक निजी संस्था है और निजी संस्थाओं द्वारा जारी बेरोजगारी संबंधी आंकड़ों को आधिकारिक नहीं माना जा सकता।
इससे पहले विधायक राजेन्द्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चांदना ने बताया कि विभाग द्वारा औसतन बेरोजगारी की दर के आंकड़ों का संधारण नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दूर करने के लिए रोजगार विभाग के स्तर पर रोजगार सहायता शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसके तहत जनवरी 2022 से दिसम्बर 2022 तक कुल 244 जॉब फेयर्स का आयोजन कर 27 हजार 687 बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए चयनित कराया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं के माध्यम से जनवरी 2022 से दिसम्बर 2022 तक 24 हजार 11 आशार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के लिए कुशल बनाया गया, जिनमें से 8 हजार 73 आशार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। साथ ही निदेशालय प्रशिक्षण (प्राविधिक शिक्षा) द्वारा वर्ष 2022 में 1 लाख 82 हजार 835 युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया गया तथा 7 हजार 151 आशार्थियों ने इस अवधि में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में जॉब प्राप्त किया है। चांदना ने बताया कि विभाग के पोर्टल पर जनवरी 2021 से दिसम्बर 2022 तक 3 लाख 19 हजार 895 बेरोजगारों द्वारा पंजीयन कराया गया है। उन्होंने इसका जिलेवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा।