राहुल पटेल राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के सदस्य नियुक्त, बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार दिलवाने का करेंगे प्रयास
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत अन्य का जताया आभार
कोटपूतली। राज्य सरकार ने एसोसिएशन ऑफ राजस्थान फॉर्मासिस्ट के संचालक व प्रवक्ता राहुल पटेल को राजस्थान फार्मेसी काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता ने द फार्मेसी एक्ट (केन्द्रिय अधिनियम, 1948 सं. 08) की धारा 19 (बी) के तहत अलवर जिले के ग्राम धंवाला, पो. अकबरपुर निवासी राहुल पुत्र महेश पटेल को काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया है। काउंसिल में कुल 16 सदस्य होते है, जिनमें से 11 का निर्वाचन व राज्य सरकार द्वारा 05 सदस्यों का मनोनयन किया जाता है। पटेल का कार्यकाल कुल 05 वर्षो का होगा। अपनी नियुक्ति पर उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व केन्द्रिय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह, पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा के अलवर जिले में आगमन पर पटेल ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए यात्रा की व्यवस्था में भी दायित्वों का निर्वहन किया था। उनकी नियुक्ति पर समाजसेवी कैलाश पटेल, उमरैण (अलवर) के पूर्व प्रधान प्रेम पटेल, पूर्व सरपंच महेश पटेल, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव भीम पटेल, तहसील गुर्जर महासभा कोटपूतली के अध्यक्ष नीरज पटेल, युवा गुर्जर महासभा के तहसील अध्यक्ष शिवकुमार पटेल, एड. प्रभु पटेल समेत अन्य ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी।
बेरोजगार फॉर्मासिस्टों को रोजगार दिलाने के होगें प्रयास :- काउंसिल का गठन फार्मेसी एक्ट,1948 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। जिसके मुख्य कार्यो में प्रदेश में डी.फार्मा, बी.फार्मा करके आने वाले अभ्यर्थियों का पंजीयन किया जाता है। साथ ही फार्मेसी कोर्स में संशोधन करना, महाविधालयों का पंजीयन व निरीक्षण किया जाता है। पटेल ने बताया कि प्रदेश में बेरोजगार फॉर्मासिस्टों को रोजगार दिलाने, किराये पर फॉर्मासिस्ट लाईसेंसों को दिये जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने आदि के प्रयास किये जायेगें। विशेष तौर पर कोर्स के दौरान अंग्रेजी की कक्षायें चलवाने के भी प्रयास होगें। उन्होंने बताया कि पूरा कोर्स अंग्रेजी में होने के कारण हिन्दी माध्यम के विधार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए भी विशेष प्रयास किये जाएंगे।