
CAQM की चेतावनी : दिल्ली-एनसीआर के उद्योग एक जनवरी से Unapproved Fuels का न करें इस्तेमाल, नहीं तो भरना पड़ेगा जुर्माना
Delhi-NCR और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने औद्योगिक इकाइयों सहित सभी क्षेत्रों से एक जनवरी 2023 से कोयले सहित अन अनअप्रूव्ड फ्यूल (unapproved fuels) का नहीं करने के निर्देश दिए हैं। CAQM ने आगे कहा कि दिल्ली (Delhi) की वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए ऐसे लोगों पर हर्जाना (Fine) लगाया जाएगा। सीएक्यूएम ने कहा, ‘अगले साल एक जनवरी से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ईंधन के रूप में कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।’
CAQM ने एक जनवरी से लगाया प्रतिबंध
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक जनवरी, 2023 से पूरे दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक, घरेलू और अन्य कार्यों में कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, ताप बिजली संयंत्रों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से छूट दी गई है। इसके पहले सीएक्यूएम ने तीन जून को जारी एक आदेश में कहा कि कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध एक अक्टूबर से पीएनजी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति वाले क्षेत्रों में तथा एक जनवरी, 2023 से उन क्षेत्रों में लागू होगा जहां पीएनजी आपूर्ति अब भी उपलब्ध नहीं है।
इस वजह से लगाया गया है Coal पर प्रतिबंध?
CAQM की ओर से जारी किए गए एक नोट में कहा गया था,एनसीआर के औद्योगिक ईंधनों पर कोयला हावी हो चुका है। एनसीआर के औद्योगिक इकाइयों में एक साल के दौरान लगभग 17 लाख टन कोयले की खपत होती है। इसमें अकेले छह प्रमुख औद्योगिक जिलों में लगभग 14 लाख टन कोयले का उपयोग किया जा रहा है। यह कदम एनसीआर के वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने और ईंधन के रूप में कोयले के उपयोग को खत्म करने के लिए उठाया गया है।
यह कहना है एक्सपर्ट का
वहीं इस मामले विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम एनसीआर में गंदे ईंधन के इस्तेमाल की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया जा रहा है। इस मामले में जब सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने कहा ,’अगर हम क्षेत्रीय स्तर पर सफाई चाहते हैं तो हमें सभी गंदे फ्यूल से छुटकारा पाने की जरूरत है। फिलहाल कोयला एनसीआर में प्रमुख औद्योगिक ईंधन है। अगर हम वायू प्रदूषण को कम करना चाहते हैं तो सभी क्षेत्रों में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल जरूरी है।’