सरदारशहर उपचुनाव में भाजपा की हार पर वसुंधरा समर्थकों ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से मांगा इस्तीफ़ा
कोटपूतली। राजस्थान के सरदारशहर उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद वसुंधरा समर्थक नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर कड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि विगत विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में हुए 8 विधानसभा चुनावों में से भाजपा 6 चुनाव हार चुकी है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पुनः सत्ता में वापसी की सम्भावनायें भी बढ़ती जा रही है। सरदार शहर उपचुनाव में मिली करारी हार पर वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष व राजस्थान सेवानिवृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष पं. बृजमोहन शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनियां की घरेलू सरदार शहर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार ने उस दावे की धज्जियां उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत के सपने देख रही है। इस चुनाव में डॉ. पूनियां ना तो प्रचार के लिए सरदार शहर पहुँचे एवं ना ही अपने स्वजातीय 5 प्रतिशत वोट भी भाजपा को दिला पाए जबकि उनकी नियुक्ति जाट वोट बैंक को भाजपा की ओर करने के लिए हुई थी। पं. शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तक के उपचुनावों में भाजपा की एक के बाद एक जमानत जब्त हुई है तथा करारी हार के साथ-साथ तीसरे स्थान पर जाने जैसे निराशाजनक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें अविलम्ब त्याग पत्र दे देना चाहिये। साथ ही दिल्ली में बैठी आलाकमान को भी जल्द से जल्द राजस्थान भाजपा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथों में सौंप देनी चाहिये, क्योंकि वे ही एकमात्र सर्वमान्य नेता है। जिनके नेतृत्व में भाजपा वर्ष 2013 के चुनाव परिणाम से भी अधिक प्रचण्ड बहुमत वाली गुजरात जैसी जीत दिला सकती है। राजे सरकार की कार्यकाल की जनकल्याणकारी योजनायें व विकास कार्य के चलते प्रदेश की जनता राजे को ऐतिहासिक जीत देने के लिए तत्पर है। कांग्रेस शासन में आमजन व्यथित है। भाजपा जन आक्रोश यात्रा शुभारम्भ में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में कुर्सियों का खाली रह जाना भी प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी को प्रमाणित करता है। राजस्थान के सेवानिवृत कर्मचारी सभी 200 विधानसभा सीटों में अपना जादुई असर रखते है। शर्मा ने उन्हीं के बल पर दावा किया कि प्रदेश में राजे को नेतृत्व सौंपा जाये तो आने वाले चुनाव में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बन सकती है। इन्हीं जन भावना को ध्यान में रखते हुए जल्द ही भाजपा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपनी चाहिये। वहीं वसुंधरा राजे समर्थक मंच युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन मंत्री विकास डोई ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह प्रदेश भाजपा के संगठन व नेतृत्व की कमजोरी एवं विफलता के चलते भाजपा को राजस्थान में बार-बार हार का मुंह देखना पड़ रहा है। शीर्ष नेतृत्व को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जैसी जनआधार वाली नेता को ही चेहरा बनाना चाहिये। जिससे वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाया जा सकती है। राजस्थान में आमजन की भावना का सम्मान करते हुए मरूधरा की एकमात्र सर्वमान्य नेता वसुंधरा राजे को कमान सौंपनी चाहिये। उन्होंने कहा कि राजे को कमान सौंपे जाने के बाद ही राजस्थान में भाजपा का 180 से ऊपर सीटों का सपना साकार हो सकता है। उनके नेतृत्व में चुनाव होने के बाद कांग्रेस एक गाड़ी की सवारी वाली पार्टी रह जायेगी।