भिवाड़ी में दो दिन से ज़हरीली हवा में सांस ले रहे लोग, बेहद खराब स्थिति में पहुंचा वायु प्रदूषण, ग्रेप का तीसरा चरण लागू होने के बाद चल रहा निर्माण कार्य
Bhiwadi. औद्योगिक नगरी भिवाड़ी के लोगों को पिछले दो दिन से वायु प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हवाओं की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषण की समस्या फिर से बढ़ गई है और एक्यूआई बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है। ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान ( ग्रेप) लागू होने के बावजूद धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन सरकारी महकमे आंख मूंदे हुए हैं। गत सोमवार को भिवाड़ी की हवा बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई थी और एक्यूआई 366 तक पहुंच गया था लेकिन मंगलवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। सीपीसीबी की ओर से मंगलवार को दोपहर एक बजे जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक भिवाड़ी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 369 रिकॉर्ड किया गया, जो हवा की गुणवत्ता की ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। हालांकि शाम चार बजे थोड़ी राहत मिली और एक्यूआई गिरकर 355 तक आ गया। कमोबेश यही हालत भिवाड़ी के पड़ोसी कस्बे धारुहेड़ा की है, जहां लोग प्रदूषण की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। सोमवार को धारुहेड़ा का एक्यूआई 331 दर्ज किया गया था जबकि मंगलवार को 319 रिकार्ड किया गया। अगले कुछ दिनों तक इससे निजात की संभावना दिखाई नहीं दे रही है।
सड़कों पर दमकलकर्मी कर रहे पानी का छिड़काव
भिवाड़ी में रीको व नगर परिषद के दमकल वाहनों से लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन हवाएं कमजोर होते ही प्रदूषण एक बार फिर परेशान कर रहा है। भिवाड़ी में गंदे पानी की समस्या के निराकरण के लिए पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोद दिया गया है और यहां धूल व मिट्टी के कण हवा के साथ उड़ते रहते हैं लेकिन मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन से इन सड़कों की सफ़ाई नहीं हो सकती। स्थिति यह है कि वायु प्रदूषण के चलते सुबह व शाम के वक़्त लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। अस्पतालों में सर्दी जुकाम व सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस प्रदूषण से जल्द राहत की संभावना भी नहीं दिख रही है।
