भारत के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी विकसित करने के लिए सीएसई और केंद्र ने मिलाया हाथ
छोटे प्रारूप वाले दोपहिया वाहनों को उपयुक्त, किफायती समाधानों की आवश्यकता है और भारत में ईवी बैटरी केमिस्ट्री को एप्लिकेशन-विशिष्ट होने की आवश्यकता है। बैटरी की उम्र बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ बैटरी प्रक्षेपवक्र को आगे बढ़ाने के लिए नियमों और तकनीकी मानकों का विकास करना भी महत्वपूर्ण है।
सीएसई ने प्रदर्शन और सुरक्षा मापदंडों पर ईवी और डेटाबेस के उपयोग में आने वाले प्रदर्शन और स्थायित्व के लिए नियमों को विकसित करने की आवश्यकता पर भी ध्यान दिया। सुरक्षित बैटरी बनाने के लिए स्टार्टअप हेतु, बैटरी की समय सीमा समाप्त होने पर मैटेरियल रिकवरी और रीसाइक्लिंग तथा ओपन-सोर्स बैटरी मैनेजमेंट सपोर्ट पर भी प्रकाश डाला गया।
2015 में, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) ‘एक’ योजना शुरू की थी।