
Jaipur. राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डवलपमेन्ट बोर्ड के रामेश्वर डूडी की अध्यक्षता में राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा स्थित एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी नॉलेज सेन्टर में शुक्रवार को कृषि व्यवसाय, प्रसंस्करण व निर्यात से जुडे़ उद्यमियों प्रगतिशील कृषकों के साथ खण्ड स्तरीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों, उद्यमियों, जैविक खेती करने वाले कृषक, दुग्ध उत्पादकोंं सहित जयपुर खण्ड के जयपुर, अजमेर, टोंक एवं दौसा जिले के लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि बोर्ड का मुख्य ध्येय किसान को उद्यमी बनाने हेतु प्रोत्साहित करना है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सकें। जैविक खेती पर चर्चा करते हुए भविष्य के लिए इसे उपयोगी तथा अमृत समान बताया। जैविक उत्पादों के विपणन हेतु मंडी में पृथक स्थान करने हेतु सुझाव को उपयुक्त माना तथा इस पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। प्रगतिशील कृषकों को आह्वान किया कि एक समूह बनाकर लघु एवं सीमान्त कृषकों को भी इनकी जानकारी दी जानी चाहिए जिसके लिए साझा प्रयास करने की आवश्यकता बताई तथा कृषि संस्थानों का उपयोग करने की सलाह दी गई।

कृषि विभाग के आयुक्त एवं बोर्ड सदस्य सचिव कानाराम ने राज्य में यूरिया एवं डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भारत सरकार स्तर से निरन्तर राज्य को अधिकतम आवंटन कराने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अक्टूबर माह में हुई वर्षा के मध्यनजर राज्य में 3 लाख हैक्टयर अतिरिक्त बुवाई की संभावना को देखते हुए भारत सरकार को अतिरिक्त मांग समय पर प्रस्तुत कर दी गई है। कृषि बजट पृथक से पेश करने के कारण विभागीय लक्ष्यों में 2 से 4 गुणा वृद्धि हुई है जिसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर 5 से 6 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि यंत्र किराये कस्टम हायरिंग केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु सहकारिता विभाग से जीएसएस की सूची चाही गई है।

आमंत्रित प्रतिभागियों से संवाद करते हुए प्रत्येक प्रतिभागी को मंच पर सुझाव प्रस्तुत करने का मौका दिया गया। प्रतिभागियो द्वारा जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया को निःशुल्क करने, ऑनलाईन पोर्टल पर उत्तरदायित्व निर्धारण, जैविक खेती के क्रियान्वयन, औषधिय पौधों की खेती को प्रोत्साहन, जैविक उर्वरकों पर अनुदान, राजस्थान जैविक कोमोडिटी बोर्ड गठन की प्रक्रिया को त्वरित करने, जैविक कृषकों को अपने उत्पादो के विक्रय के लिए कृषि उपज मंडियों में उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने, सेक्स सोर्टेड सीमन की उपलब्धता, यूरिया एवं डीएपी की आपूर्ति, तारबंदी योजना में एकल कृषक को वर्तमान 1.5 हेक्टयर को 1.00 हेक्टयर करने के सुझाव प्रस्तुत किये गए। प्रतिभागियों द्वारा भूमि परिवर्तन नियमों में सरलीकरण करने की मांग रखी।
बोर्ड के संयुक्त सचिव चन्द्रभान सिंह गिल द्वारा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया तथा उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस प्रकार के कृषक संवाद कार्यक्रम राज्य के खण्डीय, जिला एवं राज्य स्तर पर भी आयोजित किये जायेंगे।
कार्यक्रम के अन्त में उपाध्यक्ष सुचित्रा आर्य ने भी प्रतिभागियों का उपयुक्त सुझाव देने के लिए आभार व्यक्त किया तथा जानकारी दी कि इन सुझावों पर विचार कर समस्याओं का समाधान कराया जायेगा। बोर्ड सदस्य रणदीप त्रिवेदी ने जैविक खेती को बढावा देने एवं नस्ल संरक्षण पर जोर दिया।
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