♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

वायु प्रदूषण बढ़ने से रेड जोन में पहुंचा भिवाड़ी, अक्टूबर में शनिवार को सबसे प्रदूषित रही औद्योगिक नगरी

Bhiwadi.औद्योगिक नगरी भिवाड़ी की आबोहवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है और अक्टूबर में शनिवार को सबसे ज़्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया। प्रदूषण रोकने के सरकारी दावों की पोल खुल रही है। सड़कों से धूल उड़ रही है और प्रमुख मार्गों के किनारे कचरा डालकर उसमें आग लगाई जा रही है। ग्रीन बेल्ट में जगह-जगह खुले में बिल्डिंग मैटेरियल रखे हुए हैं, जिससे हवा के साथ रेत के कण उड़ रहे हैं लेकिन उनकी रोकथाम करने वाले आंख बंद किये हुए हैं।  गत शुक्रवार को जहां भिवाड़ी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 263 दर्ज किया गया वहीं शनिवार सुबह दस बजे एक्यूआई बढ़कर 331 व ग्यारह बजे 334 दर्ज किया गया। उधर पड़ोसी कस्बे धारुहेड़ा की आबोहवा पिछले कई दिनों से गंभीर श्रेणी में है। शुक्रवार को धारुहेड़ा का एक्यूआई 337 था लेकिन शनिवार को सुबह दस बजे 359 व ग्यारह बजे 362 दर्ज किया गया। रेड जोन में शामिल भिवाड़ी व धारुहेड़ा के लोगों को खुले में सांस लेने में दिक्कत हो रही है और ह्रदय रोग, सांस व दमा के रोगियों को खासी दिक्कत हो रही है।
 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद  नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई है। प्रदूषण संबंधी सूचना देने वाले समीर ऐप के अनुसार इन शहरों में वायु गुणवत्ता डार्क रेड जोन में पहुंच गई है। जो काफी खराब स्थिति है। शनिवार सुबह 11 बजे जारी आंकड़े के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई 399, नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) , ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद में एक्यूआई 395, मानेसर 381, नोएडा 391, गुरुग्राम में 367 रहा, गाजियाबाद में यह सूचकांक 380 दर्ज किया गया है।

आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी

वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से एनसीआर में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, आंखों में जलन हो रही है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू है लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) के ताजा आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है और हवा जहरीली होती जा रही है। वहीं, सूचकांक भी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और AQI बेहद खराब श्रेणी में है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

केंद्र सरकार के कामकाज से क्या आप सहमत हैं

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129