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Red Zone में पहुंचा Delhi-NCR, जल्द लागू हो सकता है ग्रेप का तीसरा चरण, ज़हरीली हवा में सांस ले रहे लोग, गाज़ियाबाद रहा सबसे प्रदूषित शहर

 

NCR Times Delhi-NCR. इस साल दिवाली पर आबोहवा पिछले चार-पांच साल की तुलना में साफ बीती हो लेकिन अब यहां हेल्थ इमरजेंसी की नौबत आ गई है। समूचा दिल्ली एनसीआर रेड जोन में पहुंच चुका है लेकिन राहत की बात यह है कि भिवाड़ी में वायु प्रदूषण अन्य शहरों की अपेक्षा कम है। पराली जलाने की घटनाएं और उसका धुआं तेजी से बढ़ रहा है तो मौसमी परिस्थितियां भी प्रतिकूल होने लगी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 177 शहरों में से 29 शहरों की हवा खराब है। इसी तरह 43 शहरों में संतोषजनक व 74 शहरों में मध्यम रही।

सीपीसीबी द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 357, फरीदाबाद का 346, गाजियाबाद का 384, ग्रेटर नोएडा का 364, गुरुग्राम का 333, धारुहेड़ा 337,  354 और नोएडा का 371 दर्ज किया गया। सभी जगह की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी शुक्रवार को आपात बैठक की। एक दो दिन में फिर से बैठक कर ग्रेप का तीसरा चरण लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सफर इंडिया, सीपीसीबी और मौसम विभाग सभी का पूर्वानुमान था कि दीवाली तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण में रहेगा जबकि इसके बाद बिगड़ना शुरू हो जाएगा। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही थी कि पहले हवा की दिशा दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी चल रही थी। इसीलिए पराली का धुआं भी बहुत कम मात्रा में पहुंच रहा था। लेकिन दीवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी होगी तो पराली का धुआं कहीं ज्यादा मात्रा में दिल्ली पहुंचने लगेगा।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तीसरे चरण में यह प्रतिबंध होंगे लागू

  • दिल्ली एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ पर रोक। इसमें रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा, डिफेंस, राष्ट्रीय महत्व के प्रोजक्ट शामिल नहीं हैं। वहीं ऐसे काम जो प्रदूषण नहीं फैलाते जैसे प्लंबिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, इलेक्ट्रिकल और कारपेंटर आदि को भी छूट दी गई है।
  •  एनसीआर में जो इंडस्ट्री पीएनजी, क्लीन फ्यूल या बायोमास का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं उन्हें हफ्ते में पांच दिन काम की अनुमति होगी। इंडस्ट्री के छोटे छोटे क्लस्टर बनाकर उनमें अलग अलग दिन आफ रहेगा।
  • ईंट भट्टे, हाट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर नहीं चलेंगे। इसमें उन्हें छूट रहेगी जो पीएनजी या बायोमास फ्यूल से चल रहे हैं।
  • दिल्ली एनसीआर में माइनिंग व इससे जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी
  • राज्य सरकारें बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की कारों पर रोक लगाने संबंधी निर्णय ले सकती हैं।

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