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भिवाड़ी से अपह्रत तीन में से दो बच्चों की हत्या, दिल्ली के महरौली के जंगल मे मिला शव, दो आरोपी गिरफ्तार

 

Bhiwadi/ New Delhi. भिवाड़ी के सांथलका गांव की एक कॉलोनी से शनिवार को अपह्रत किए गए तीन बच्चों में से दो की लाश मंगलवार को साउथ दिल्ली के महरौली जंगल में मिल गई है जबकि तीसरा बच्चा सकुशल बच गया है, जिसे भिवाड़ी पुलिस ने दिल्ली से बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने अपहरणकर्ता  महावीर (29) पुत्र विनोद तेली निवासी मिनीविघा थाना टाऊन जिला औरंगाबाद (बिहार) हाल विजय कॉलोनी साथलका व मंजा कुमार (32) पुत्र श्रीराम आश्रय मेहता कुशवाह निवासी सुरोली थाना भीभीतिपुर जिला समस्तीपुर (बिहार) हाल धीरज कॉलोनी सांथलका को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपितों ने सबसे पहले शिवा को गर्दन मरोड़कर मारा था। हालांकि, बच्चे की मौत नहीं हुई थी। इसके बाद उसके दो भाइयों की गला दबाकर हत्या कर दिया। शिवा होश में आने के बाद जंगल से निकलकर सड़क पर आ गया। 15 अक्टूबर को पीसीआर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने शिवा को लावारिस रोते हुए देखा तो थाने ले गए। वह अपना नाम पता नहीं बता पाया। इसके बाद पुलिस ने उसे लाजपत नगर स्थित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी पहुंचा दिया। अब स्थानीय पुलिस ने बच्चे का फ़ोटो मिलान किया तो पता चला कि यह राजस्थान से अगवा हुए तीन भाइयों में से एक बच्चा है। दिल्ली पुलिस की सूचना पर भिवाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शव को मोर्चरी में रखवाया है, जिनका बुधवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा जबकि शिवा को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।

मृतक अमन व शिवा।

यूपी के कन्नौज का रहने वाला है परिवार

भिवाड़ी फेज थर्ड पुलिस थाना क्षेत्र के सांथलका गांव की मुकुट कॉलोनी में यूपी के कन्नौज जिले के हजियापुर निवासी ज्ञान सिंह पुत्र रजिया राम तीन माह पहले भिवाड़ी आए थे और सांथलका की मुकुट कालोनी में किराए पर कमरा लेकर अपनी पत्नी उर्मिला और 6 बच्चों के साथ रह रहे थे। शनिवार को दोपहर 11 बजे जब पति-पत्नी घर वापस आए तो देखा कि तीन बच्चे अमन, विपिन और शिवा घर में नहीं थे, जबकि उनकी छोटी बेटी वहीं पर खेलती मिली। ज्ञान सिंह ने बताया, ‘बड़ी बेटी सोनिका भिवाड़ी की एक कंपनी में काम करती है, इसके चलते वह सुबह 8 बजे ही घर से निकल गई थी और उनकी पत्नी छोटी बच्ची सोनी को लेकर ठेले पर गई थी, एक बेटी कृष्णा उनके घर से गायब हुए बच्चों के साथ ही थी और वहीं खेलती पाई गई। अपने तीन बेटों के गायब होने के बाद से ज्ञान सिंह और उर्मिला का रो-रोकर बुरा हाल था।  अगले दिन रविवार को भिवाड़ी फेज थर्ड थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।।इसके बाद बच्चों की तलाश के लिए एएसपी विपिन शर्मा व डीएसपी जसवीर सिंह के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों ने भिवाड़ी व हरियाणा के पड़ोसी जिलों में गुमशुदा बच्चों की तलाश किया लेकिन सफलता नहीं मिली।

एक फोन काल से पकड़ में आए हत्यारे

गत सोमवार को ज्ञानसिंह के छोटे भाई राधाकिशन के  मोबाईल फोन पर अज्ञात नम्बर से एक व्यक्ति ने फोन कर आठ लाख की फिरौती मांगी। राधाकिशन ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने कॉल करने वालो की तलाश कर महावीर व मंजा कुमार को दस्तयाब किया जाकर गहनता से पूछताछ की गई तो घटना कारित करना स्वीकार किया कर लिया। महावीर सांथलका में मोबाईल की दुकान किये है जबकि मंजा एक फैक्ट्री में काम करता है।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

भिवाड़ी से बच्चों को घुमाने की बात कहकर ले गए थे  दिल्ली

भिवाड़ी एएसपी विपिन शर्मा ने बताया कि आरोपी महावीर व मंजा तीनों बच्चों को पहले से जानते थे। इसलिए शनिवार को वह तीनों बच्चों को दिल्ली घुमाने की बात कहकर भिवाड़ी से धारुहेड़ा गए और वहां से कैब लेकर गुरुग्राम गए। यहां से तीनों बच्चों को मेट्रो के जरिए दिल्ली के क़ुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन के पास महरौली कर गए, जहां गला दबाकर अमन व विपिन की हत्या कर दिया जबकि शिवा बच गया। वारदात के बाद आरोपी भिवाड़ी आ गए और शनिवार को अज्ञात नम्बर से ज्ञान सिंह के भाई राधा किशन को फोन कर आठ लाख की फिरौती मांगी लेकिन रकम मिलने से पहले से पुलिस की गिरफ्त में आ गए। मामले की जांच डीएसपी जसवीर मीणा कर रहे हैं।

कॉलोनी में पसरा रहा सन्नाटा

सांथलका की मुकुट कालोनी में जहां रोज चहल-पहल रहती थी, वहां रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। कॉलोनी के पास की दुकानें खुली थीं लेकिन ग्राहक नहीं थे। कालोनी की बालकनी में खड़ी महिलाएं चुपचाप खड़ी होकर आने-जाने वालों को देख रही थीं लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। NCR Times की टीम ने एक युवक से ज्ञान सिंह के परिवार व घटना के बारे में पूछा तो वह कुछ बताने के बजाय हमें  ज्ञानसिंह के कमरे में लेकर गया। कमरे में अंधेरा पसरा हुआ था और ज्ञान सिंह के तीन बच्चे हमें मिले, जो सुध-बुध खोये हुए थे। बड़ी बेटी सोनिका  ने बताया कि शनिवार सुबह वह फैक्ट्री में काम करने चली गई थी लेकिन उसे क्या पता था कि दो भाइयों से अब कभी नहीं मिल सकेगी। इतना कहते उसकी व आसपास मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई।

 

 

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