धारुहेड़ा रहा देश में सबसे प्रदूषित शहर, दमघोंटू हवा से एनसीआर बेहाल, वायु प्रदूषण रोकने के सरकारी दावे फेल


बारिश से मिली राहत लेकिन फिर बढ़ गया प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले दमघोंटू हवा से लोग बेहाल हैं। पिछले दिनों बारिश के बाद आसमान साफ था, लेकिन हवा की गति में कमी और उच्च आर्द्रता के साथ धुंधली सुबह ने प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ा दिया है। रविवार को भिवाड़ी-धारुहेड़ा सहित दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब रहने से लोग बेहाल रहे। राष्ट्रीय राजधानी से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा व गाजियाबाद में रविवार सुबह 9 बजे ही हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में चली गई। सीपीसीबी के मुताबिक रविवार शाम चार बजे दिल्ली का आनंद विहार (412) व शादीपुर (312), गुरुग्राम के सेक्टर 51 का एक्यूआई (304), मानेसर (251), फरीदाबाद (229), नोएडा ( 258) गाज़ियाबाद (286) दर्ज किया गया।

टूटी सड़कें, उड़ती धूल व वाहनों से बढ़ा प्रदूषण
भिवाड़ी के आवासीय व औद्योगिक इलाक़ों में टूटी सड़कें, उड़ती धूल, वाहनों की बढ़ती ज्यादा संख्या, जाम, नियमों को ताक पर रखकर होने वाले निर्माण आदि से प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा जगह-जगह कबाड़ी कचरा जलाकर प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं। औद्योगिक नगरी में जगह-जगह खुले में बिल्डिंग मैटेरियल रखे हुए हैं, जिससे हवा के साथ रेत के कण उड़कर प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। कमोबेश यही हाल धारुहेड़ा सहित अन्य शहरों का है, जहां प्रदूषण का करीब 30 फीसदी प्रदूषण औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं से होता है।एनसीआर में बड़ी संख्या में प्लास्टिक को जलाने व पिघलाकर सामान बनाने की अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। औद्योगिक क्षेत्र समेत अन्य इलाके की सड़कों से वाहनों के गुजरने पर धूल उड़ती है। जगह-जगह कूड़ा जलाया जाता है। जगह-जगह खुले में निर्माण सामग्री रख नियमों की अनदेखी करते हुए इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है।
वायु गुणवत्ता का मानक
0 – 50 : अच्छा
51 – 100 : संतोषजनक
101 – 200 : मध्यम
201 – 300 : खराब
301 – 400 : बेहद खराब
401 – 500 : गंभीर