ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हुआ विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा पर मंथन
NCR Times Udaipur. उदयपुर जिले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि हमारे देश में 2012 में विद्युत की कमी करीब 5 प्रतिशत थी जिसे आज हमने उसको कम कर के 0.1 कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब हम लोग विद्युत सरप्लस हो गये है। उन्होंने बताया कि आज देश में हमारा डिमांड 2 लाख 15 हजार मेगावॉट है, हमने पूरे देश को ई ग्रिड में जोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि करीब 1 लाख 82 हजार किलोमीटर हमने ट्रांसमिशन लाइन बनाया है। आज हम देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1 लाख 12 हजार मेगावाट बिजली सप्लाई कर सकते हैं।

इस अवसर पर राज्य के ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी भी देश के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मलेन में शिरकत करने उदयपुर पहुंचे। उन्होंने इस सम्मलेन के आयोजन के लिए उदयपुर को चिन्हित करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। भाटी ने इस दौरान ऊर्जा को लेकर राजस्थान की आवश्यकताओं एवं राज्य द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं एवं राज्य में सौर तथा पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु प्रभावी तौर पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रयासों की बदौलत आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है।

राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियाँ विशेष, अलग से कोल पैकेज जरुरी-
राज्य के ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट को लेकर भी राजस्थान के दरवाज़े हमेशा खुले हैं एवं हम नवीकरणीय ऊर्जा इंडस्ट्री को बढावा देने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री भाटी ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के कोयला मंत्री से मांग की है कि राजस्थान की विशिष्ट प्रकार की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए विशेष कोयला पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर बैंकों की तरफ से सवेदनशीलता दिखाए जाने की जरूरत है।