
12 नवंबर को आयोजित होगी चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत, बैंकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी
Jaipur. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष, 2022 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवम्बर को किया जाएगा। लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रत्येक प्रकृति के दीवानी, फौजदारी तथा राजस्व आदि सभी प्रकरणों को सम्मिलित किया जा रहा है। प्राधिकरण के सदस्य सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इसके लिए सभी बैंकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी तरफ से धन या ऋण वसूली मामलों के निस्तारण हेतु जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत की व्यापक सफलता के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व में आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालतों में अपनाई गई प्रक्रिया व पद्धति के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म RSLSA-22 का भी प्री-लिटिगेशन के साथ-साथ लंबित प्रकरणों को भी राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर करने तथा उनमें आवश्यकतानुसार ऑन-लाइन प्री-काउंसलिंग आयोजित करने एवं अन्य समस्त संबंधित कार्यवाही अमल में लाए जाने हेतु व्यापक रूप से उपयोग लिया जाऐगा। लंबित प्रकरणों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाते हुए इस बार रालसा की वेबसाइट www.rlsa.gov.in के जरिए या सीधे ही RSLSA-22 प्लेटफार्म https://rslsa.jupitice.com/ के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है। प्राधिकरण के सदस्य सचिव लोक अदालत को अधिक प्रभावी ढंग से आयोजित करने हेतु डोर-स्टेप काउंसलिंग कैम्प आयोजित किए जाते समय मेगा विधिक जागरूकता/चेतना शिविर भी आवश्यक रूप से आयोजित किये जावेंगे। संबंधित डोर-स्टेप काउंसलिंग कैम्प में सदस्य के रूप में स्थानीय निर्वाचित जन-प्रतिनिधिगण,सेवानिवृत सरकारी अधिकारी-कर्मचारी,प्रतिष्ठित व्यक्ति तथा सामाजिक कार्यकर्ता (आवश्यकतानुसार) प्रो-बोनो भाग लेंगे। कोई पक्षकार अथवा अधिवक्ता अपने प्रकरण को राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर किये जाने हेतु रालसा की मोबाईल एप ‘न्याय-रो-सारथी’ को रालसा की वेबसाईट www.rlsa.gov.in से इंस्टॉल करके उस पर भी रिक्वेस्ट डाल सकता है। प्री-लिटिगेशन श्रेणी के तहत प्रस्तुत आवेदन पत्रों में विरोधी पक्षकार को व्यक्तिगत सुनवाई के साथ-साथ ई-मेल, मोबाइल या व्हाट्सअप पर कॉल करके अथवा RSLSA-22प्लेटफॉर्म के जरिए भी ऑनलाईन सुनवाई का अवसर प्रदान किया जावेगा।