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एयर क्वालिटी इंडेक्स: भिवाड़ी-छपरा में सबसे ज़्यादा खराब रही वायु गुणवत्ता, कोहिमा से 15 गुना ज्यादा रहा प्रदूषण

Bhiwadi. सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए पन्द्रह दिन पहले एक अक्टूबर से ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान ( ग्रेप) लागू किया है लेकिन इसके बावजूद भिवाड़ी में हवा की गुणवत्ता खराब स्थिति में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक भिवाड़ी (202) व छपरा (207) में वायु गुणवत्ता खराब रही जबकि नागालैंड की राजधानी कोहिमा (14) की हवा सबसे स्वच्छ रही। सीपीसीबी के अनुसार  देश के 155 शहरों में से 34 में हवा ‘बेहतर’ रही, जबकि 68 शहरों की श्रेणी ‘संतोषजनक’, 51 में ‘मध्यम’ रही।

होंडा चौक से खुशखेड़ा जाने वाली सड़क के किनारों रीको का खाली प्लॉट बना डंपिंग यार्ड।

यदि दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 128 दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 109, गाजियाबाद में 138, गुरुग्राम में 130, नोएडा में 130 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि कोलकाता में यह इंडेक्स 45, चेन्नई में 90, बैंगलोर में 132, हैदराबाद में 62, जयपुर में 105 और पटना में 124 दर्ज किया गया।

भिवाड़ी में सरकारी महकमों में सामंजस्य की कमी, कैसे रोकेंगे प्रदूषण

भिवाड़ी में स्थित सरकारी महकमों में सामंजस्य नहीं होने के कारण वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है। भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र व रिहायशी इलाकों की टूटी सड़कों से उड़ती धूल आपका स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए काफी है। रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्वीपिंग मशीन से सफाई व दमकल की गाड़ियों से पानी छिड़काव कर रहा है लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में बारिश में बह गई सड़कों पर इसका खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के लए सड़कों को खोद डाला गया है, जहां से धूल के कण हवा के साथ उड़कर वायु की गुणवत्ता खराब कर रहे हैं। उधर रीको के कई पार्कों में फैक्ट्रियों का वेस्ट मटेरियल डालकर आग लगा दी जाती है, जिससे धुआं उड़ता रहता है। रीको ने विजिलेंस टीम भी बना रखी है लेकिन ये टीम प्रदूषण फैलाने वालों तक पहुंचने में नाकाम रही है। सोमवार को कहरानी, चौपानकी व खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में रीको के खाली प्लॉट पर कचरा जलाया जा रहा था लेकिन अवकाश होने के कारण कोई कार्रवाई करने वाला नहीं था। वहीं अलवर बाईपास, टपूकड़ा, होंडा चौक, चौपानकी सहित अन्य स्थानों पर सड़कों के किनारे में बिल्डिंग मैटेरियल में रखा हुआ है, जिससे हवा के साथ रेत के कण उडक़र एयर क्वालिटी खराब कर रहे हैं

देश के इन शहरों की हवा रही साफ

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी ‘बेहतर’ रहा, उनमें कोहिमा 14, अगरतला 22, आइजोल 20, बागलकोट 37, बेलगाम 46, भागलपुर 45, चामराजनगर 34, चिक्कामगलुरु 40, कोयंबटूर 36, गंगटोक 21, गुवाहाटी 48, हल्दिया 30, हसन 32, हावड़ा 39, जोधपुर 45, कलबुर्गिक 50, करनाल 48, कोलकाता 45, कोल्लम 45, मदिकेरी 28, मैसूर 46, नासिक 45, ऊटी 48, रामनगर 42, रामनाथपुरम 23, सतना 44, शिलांग 21, शिवमोगा 43, शिवसागर 23, तिरुवनंतपुरम 40, थूथुकुडी 35, त्रिशूर 48, उदयपुर 50 और यादगिर 45 आदि शामिल हैं।

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