सामाजिक न्याय के उद्देश्य की पूर्ति के लिए हुकुमरानों की नीति और नियत ठीक हो – करात
प्रतिरोध कन्वेंशन में जुल्मोसितम के शिकार परिवारों का छलका दर्द
NCR Times Jodhpur. राजस्थान में दलित-वर्ग के ऊपर लगातार बढते हमलों के खिलाफ जोधपुर के गांधी शांति प्रतिष्ठान में रविवार को प्रतिरोध कन्वेंशन आयोजित किया गया, जिसमें दलित उत्पीड़न की विभिन्न घटनाओं में जुल्मोसितम के शिकार परिवारजनों का दर्द छलक पड़ा। बाली के बारवा में अंजाम दिए गए जितेंद्रपाल मेघवाल हत्याकांड के बारे में जानकारी देते हुए उनके भाई ओमप्रकाश मेघवाल सहित दूसरी घटनाओं के पीड़ित परिजनों की रुलाई फूट पङी जिससे कन्वेंशन का माहौल गमगीन हो गया।
एक तरफ देश मना रहा अमृत महोत्सव, दूसरी तरफ हो रहा दलितों पर अत्याचार
दमन प्रतिरोध आंदोलन जोधपुर द्वरा आयोजित एक दिवसीय कन्वेंशन में बतौर मुख्य वक्ता कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद काॅमरेड बृदा करात ने कहा कि पूरा देश एक तरफ अमृत-महोत्सव मना रहा हैं दूसरी तरफ हाशिए पर खड़ा दलित तबका जान और सम्मान की जंग लड़ रहा हैं, नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्युरो के आंकङों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने रोष व्यक्त किया कि आजादी के 75 साल बाद भी हम सामाजिक न्याय के सपने को इसलिए मुकम्मल नहीं कर पाए क्योंकि हमारे हुकुमराने की नीति और नियत ठीक नहीं थी। इसलिए हमारी जिम्मेवारी बनती है कि दलित-वर्ग को गरिमामय जीवन देने के लिए हुकुमरानों की नीति और नियत को ठीक करें। उन्होंने मौजूदा दौर को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि हमारी अबोहवा में जहर घोला जा रहा हैं, जाति-धर्म के नाम पर नफ़रत फैला कर सत्ता हासिल करने वाली ताकतें पूंजीवाद की गुलाम हैं और पूंजीवाद के इशारे पर समाज में विभाजन की खाई को ओर चौङा किया जा रहा हैं, उन्होंने आह्वान किया कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत कमजोर तबकों को हैं, इसलिए हम पूरी ताकत के साथ देशव्यापी संघर्ष करेंगे।
दलितों, महिलाओं व अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में विफल रही सरकार
इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक काॅमरेड अमराराम ने कहा कि राजस्थान की सरकार दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और कमजोर तबकों की सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही हैं, दलित-वर्ग पर हो रहे हमलों के मामले में राजस्थान शीर्ष पर पहुँच गया, पीङित परिवारों को मुआवज़ा देने में जातीय भेदभाव किया जा रहा हैं, जितेन्द्रपाल मेघवाल हत्याकांड में पीङित परिवार को कुछ भी नहीं दिया जबकि उदयपुर के कन्हैयालाल को 50 लाख रुपए और दो सरकारी उसके घर जा कर दी। उन्होंने जातीय उत्पीड़न के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेङने का आह्वान किया। प्रसिद्ध गांधीवादी और राजस्थान समग्र संघ के अध्यक्ष सवाईसिंह ने सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को मिलकर जातीय जुल्म के खिलाफ मिलकर लङने की जरूरत बताई।
सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट होकर लड़ें-माधव
दलित शोषण मुक्त मंच के राज्य सह-संयोजक डाॅ संजय माधव ने सामाजिक उत्पीड़न के शिकार सभी वर्गों को मिलकर लङने की आवश्यकता बताई क्योंकि दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की लङाई को पृथक पृथक तरिके से लङा नहीं जा सकेगा, साझा संघर्ष की ताकत से ही दमनकारी व्यवस्था को परास्त कर पाऐंगे।
धर्मान्धता समाज के लिए घातक : पूर्व न्यायाधीश टी सी राहुल
पूर्व न्यायाधीश टी सी राहुल ने धर्मान्धता को समाज के लिए बहुत घातक बताते हुए कहा कि पाखंडपूर्ण जीवन पद्धति से मुक्त हो कर समाज को समृद्धिशाली बनाया जा सकता हैं।जमात-ए-इस्लामी हिन्द के मुहम्मद अब्दुल नासिर गौरी ने कहा कि वही समाज प्रगति कर सकता हैं जहां अमन और मोहब्बत का माहौल हैं, मौजूदा नफ़रत के दौर में अमन-चैन को खतरा हैं हमें किसी भी कीमत पर इसे बचाना हैं। गाँधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष आशा बोथरा ने कहा कि जिस समाज में गैर बराबरी का बोलबाला हो उस समाज का विखंडन तय हैं अतः समाज में व्याप्त गैर बराबरी और ऊंच-नीच पर आधारित व्यवस्था को जङ-मूल से खत्म किया जाना चाहिए। इसके अलावा दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य संयोजक किशन मेघवाल, प्रो ताराराम, गणपत लाल मेहरा, हुक्मीचंद आर्य, सम्पतराज चौहान, बाबुराम चौहान सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
कन्वेंशन में ये भी थे मौजूद
कन्वेंशन में जयराम खांगटा, एडवोकेट रामावतार सिंह चौधरी, लुभाषचंद्र राठौङ, अश्वनी थापर, भंवरलाल मेघवाल, रूखमण साहेलिया, महेंद्र मेघवाल, एडवोकेट शिवलाल बरवड़, शेराराम मथानियां, भरत भाटी, चैनाराम लेखावत, देव चौहान, हरखाराम चौहान, पी.आर. मेघवाल, ललित जनागल, शारदा अडाणिया, अरूणा बारूपाल, अमीना बानो, पूजा भाटी, जयदेव सिंह भाटी, अशोक, प्रेम, दिनेश, अर्जुन मकवाना, सी.आर. ऐम्पा, सुरज कुमार पन्नू, दिनेश लखानी, भवानी सिंह लखावत, जगदीश पंवार, ओम लेखावत, मोहिनी, सीमा, ढेलङी काकी, नेहा मेघवाल समेत अनेक जन संगठनों से जुङे पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। कन्वेंशन का समापन दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) के राज्य सह-संयोजक प्रोफेसर रमेश बैरवा ने किया। उन्होने भावी कार्ययोजना को कन्वेंशन के सामने रखा। कन्वेंशन का संचालन एडवोकेट महिपालसिंह ने किया।
