राजस्थान विधानसभा में गूंजा भिवाड़ी के प्रदूषण का मुद्दा, बारिश के बावजूद देश में सबसे प्रदूषित रहा भिवाड़ी
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘ प्रदूषण की शिकायत मिलने पर सम्बन्धित औद्योगिक इकाई की होगी जांच’
जयपुर। बारिश होने के बावजूद भिवाड़ी ( Bhiwadi) के प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है और पिछले दो दिन से भिवाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। गत रविवार को भी भिवाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर (Polluted City Of India) रहा था लेकिन इसके बावजूद हालात नहीं सुधरे औऱ पिछले दो दिन से प्रदूषण के मामले में भिवाड़ी पहले पायदान पर बना हुआ है। गुरुवार को दिनभर मूसलाधार बारिश होती रही लेकिन इसके बावजूद भिवाड़ी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) देश मे सबसे ज़्यादा 186 दर्ज किया गया जबकि कोच्चि (Ko bhi) की हवा सबसे साफ रही और यहां का एक्यूआई महज 18 रहने से लोग स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं।
प्रदूषण फैलाने वाले 20 उद्योगों पर लटके हैं ताले
भिवाड़ी के वायु प्रदूषण की गूंज गुरुवार को विधानसभा में सुनाई दी। वन एवं मंत्री हेमाराम चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि तिजारा विधानसभा क्षेत्र के ओद्यौगिक क्षेत्र भिवाड़ी में स्थित औद्योगिक इकाइयों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने और क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो समिति बनाकर इसकी जाँच कराई जाएगी। चौधरी प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा नियमानुसार तिजारा विधानसभा क्षेत्र में 373 उद्योगों की उद्योग संचालन की सहमति जारी की गई है तथा 20 उद्योग अभी भी बन्द है। उन्होंने कहा कि फिर भी सदस्य द्वारा यदि किसी उद्योग द्वारा प्रदूषण फैलाने की जानकारी दी जाती है तो नियमानुसार जाँच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल के अभिलेखों के अनुसार तिजारा क्षेत्र में 373 उद्योगों को प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण अधिनियम के तहत जाँच कर 63 पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि इसके बाद नियमोें का पालन सुनिश्चित करने पर कई इकाइयों को पुनः चालू कर दिया गया।
इससे पहले तिजारा विधायक के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अभिलेखों के अनुसार तिजारा क्षेत्र में 373 उद्योगों को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981/ जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत सम्मति दी गई है। उन्होंने इन उद्योगों की सूचना समुचित वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थिति व सम्मति की वैधता का विवरण सदन के पटल पर रखा।
समय-समय पर होती है उद्योगों की जांच
उन्होेंने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने हेतु निरन्तर प्रयासरत है। राज. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा समय समय पर विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जाँच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत हो। उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत नहीं पाये जाने पर दोषी उद्योगों के विरूद्ध वायु अधिनियम 1981 एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
83 उद्योगों के खिलाफ हुई कार्रवाई
चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा गत पाँच वर्षाे में तिजारा विधानसभा क्षेत्र के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित कंपनियों द्वारा पर्याप्त प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित नहीं किये जाने, उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाये जाने एवं वायु अधिनियम 1981/जल अधिनियम 1974 के प्रावधानों की पालना नहीं किये जाने के कारण इस प्रकार के 83 प्रदूषणकारी इकाइयों के विरूद्ध वायु अधिनियम की धारा 31 ए व जल अधिनियम की धारा 33 ए में कार्यवाही की गई। इन उद्योगों मे से 63 उद्योगों द्वारा आवश्यक सुधार कर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के समक्ष संचालन हेतु पुनः सम्मति आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके क्रम में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नियमानुसार सत्यापन के पश्चात् उद्योगों को पुन संचालन सम्मति जारी कर दी गई है। तिजारा क्षेत्र में वर्तमान में 63 उद्योग संचालित है तथा 20 पूर्ण रूप से बन्द है । उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा।