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भिवाड़ी सहित दिल्ली-एनसीआर में दस दिन बाद लागू हो जाएगी GRAP की पाबंदी, अभी से कर लें तैयारी, जानें क्या बदल जाएगा नियम

इस दौरान आम लोग अपनी बीएस-3 पेट्रोल गाड़ियों और बीएस-4 डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हल्के वाहनों के लिए यह नियम लागू रहेगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट व पुलिस डिपार्टमेंट ऐसी गाड़ियों पर कार्रवाई करेगा। आम लोगों के लिए इस दौरान बोरिंग, ड्रील, वेल्डिंग, तोड़फोड़, निर्माण सामग्री को गाड़ियों में चढ़ाने-उतारने, कच्चे रास्तों पर गाड़ियां चलाना, टाईल्स को काटना आदि गतिविधियां नहीं हो सकेंगी

NCR Times Bhiwadi. ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू होने ने अब दस दिन बाकी रह गए हैं। अगर 28 सितंबर को पूर्वानुमान खराब हवा का रहा तो दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कुछ नियमों और पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। आम लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। ऐसे में इन्हें जान लेना आपके लिए भी बेहद जरूरी है। सफर और आईआईटीएम पुणे इस समय प्रदूषण का पूर्वानुमान करती हैं। आईआईटीएम पुणे तीन दिनों का प्रदूषण पूर्वानुमान और सात दिन का आउटलुक जारी करता है। वहीं, सफर तीन दिनों का पूर्वानुमान जारी करती है। आईआईटीएम पुणे के पूर्वानुमान के अनुसार, 20 सितंबर को प्रदूषण सामान्य से खराब स्थिति में और इसके बाद 21 सितंबर को खराब स्थिति में आ सकता है। 22 सितंबर से कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन प्रदूषण खराब से सामान्य स्थिति में रही रहेगा। सुबह और शाम के समय हवाओं की गति अब कमजोर हो रही है। सात दिनों के आउटलुक के अनुसार, प्रदूषण सामान्य स्थिति में रह सकता है। विभिन्न एक्सपर्ट के अनुसार बारिश हुई नहीं है। मॉनसून विदाई का समय आ गया है। ऐसे में प्रदूषण की स्थिति आनेवाले दिनों में खराब हो सकती है। दशहरे पर रोक के बावजूद अगर आतिशबाजी हुई तो प्रदूषण में अचानक उछाल आ सकता है। अक्टूबर का पहला हफ्ता इस लिहाज से काफी संवेदनशील रहेगा। इस दौरान कई त्योहार होंगे। इसकी वजह से भीड़, ट्रैफिक और आतिशबाजी तीनों रहेंगी।

खराब स्थिति पर रहा प्रदूषण तो क्या होगी पाबंदियां (AQI 201 से 300)

अपनी गाड़ी का पीयूसी करवा लें। ऐसा न करने पर एक अक्टूबर से GRAP के तहत कई टीमें काम करेंगी। यदि गाड़ी धुंआ छोड़ रही है तो उसे ठीक करवा लें। इंजन की ट्यूनिंग, टायरों में हवा की जांच करवा लें। रेड लाइट पर गाड़ी बंद कर दें। ऐसा न करने पर आप मुश्किल में पड़ सकते हैं।

-दिल्ली-एनसीआर में पावर सप्लाई पूरी तरह डीजल पर न हो। यदि किसी सोसायटी, उद्योग आदि में ऐसा होता है तो उसके खिलाफ एक्शन होगा।  भिवाड़ी सहित सोसायटी, मॉल आदि में पावर सप्लाई अब भी जनरेटर पर हो रही है। ऐसे लोग अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर लें।

– यदि निर्माण कार्य चल रहा है तो धूल कम करने के सभी उपाय अपनाएं। पानी का छिड़काव करें, मलबा निस्तारण की उचित व्यवस्था करें। यदि खुले में मलबा या निर्माण के दौरान धूल उड़ी तो लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

-इस दौरान पटाखे बिलकुल न चलाएं।

जब बेहद खराब होगी हवा (AQI 301 से 400)

इस स्तर की हवा में भिवाड़ी समेत दिल्ली-एनसीआर के होटलों और ढाबों में कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा। होटल, ढाबे चाहें तो इस दौरान इलेक्ट्रिसिटी और स्वच्छ ईंधन से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं। तंदूर व बीबीक्यू नाइट में कोयले व लकड़ी का इस्तेमाल सर्दियों के दौरान खूब होता है। ऐसा करके आप मुश्किलों में पड़ सकते हैं। आयोजनों व पब्लिक पार्टी में भी इनका इस्तेमाल नहीं होगा।

– इमरजेंसी इस्तेमाल को छोड़कर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पाबंदी रहेगी। इमरजेंसी इस्तेमाल में भी अस्पताल, नर्सिंग होम, एलिवेटर्स आदि, रेलवे स्टेशन, डीएमआरसी, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, एसटीपी, वॉटर पंपिंग स्टेशन, नैशनल सिक्योरिटी से जुड़ी गतिविधियां, राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट, फोन और डेटा सर्विस आदि शामिल हैं। इस इस दौरान डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया तो कार्रवाई होगी। यदि आपका जनरेटर सीएनजी, पीएनजी या एलपीजी पर चलता है तो उसके इस्तेमाल पर रोक नहीं है।

यदि आप निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं तो इसका प्रयोग कम कर दें। इस दौरान पार्किंग फीस भी बढ़ा दी जाएगी।

– आरडब्ल्यूए अपने सिक्युरिटी स्टाफ को इलेक्ट्रिक हीटर दें। यदि वह सर्दी से बचने के लिए कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल करेंगे तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

जब गंभीर होगी हवा (AQI 401 से 450)

-इस दौरान आम लोग निर्माण कार्य नहीं कर सकेंगे। रेलवे, डीएमआरसी, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, अस्पताल, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे़ प्रोजक्ट, हाइवे, सड़क, फ्लाइओवर और ओवर ब्रिज, पावर स्टेशन, साफ-सफाई व पानी सप्लाई से जुड़े प्रोजेक्ट के काम इस दौरान हो सकते हैं। इन्हें भी धूल रोकने और मलबे के निस्तारण के लिए सख्त नियमों का पालन करना होगा। आम लोगों के लिए इस दौरान बोरिंग, ड्रील, वेल्डिंग, तोड़फोड़, निर्माण सामग्री को गाड़ियों में चढ़ाने-उतारने, कच्चे रास्तों पर गाड़ियां चलाना, टाइल्स्को काटना आदि गतिविधियां नहीं हो सकेंगी। निर्माण के दौरान प्लंबिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, इलेक्ट्रिक, कारपेंटर आदि से जुड़े कार्य कर सकेंगे।

– जो उद्योग पीएनजी या स्वच्छ ईंधन पर नहीं हैं, वह बंद रहेंगे। पेपर एंड पल्प प्रोसेसिंग, थर्मल पावर प्लांट हफ्ते में पांच दिन काम करेंगे। शनिवार रविवार यह बंद रहेंगे। राइस प्रोसेसिंग यूनिट सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगी। इसी तरह अन्य इंडस्ट्री के लिए भी दो दिन बंद रहने के तय किए गए हैं। ईंट-भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर जोन इस दौरान बंद रहेंगे। एनसीआर में माइनिंग गतिविधियां नहीं होंगी।

मेडिकल इमरजेंसी (AQI 450 से अधिक)

– जरूरी सामानों के अलावा अन्य ट्रक राजधानी में एंट्री नहीं कर सकेंगे। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर यह नियम लागू नहीं हैं।

-दिल्ली के अंदर भी रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी वीकल नहीं चल सकेंगे। इनमें छोटे ट्रक, बड़े ट्रक, ट्रॉले आदि शामिल हैं। जरूरी सामानों की सप्लाई से जुड़ी गाड़ियों को छूट दी गई है।

– सड़कों, हाइवे, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन से जुड़े निर्माण कार्य पर भी रोक रहेगी।


आमतौर पर कब आती है कौन सी स्थिति

खराब – अक्टूबर के पहले हफ्ते में

गंभीर – अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत में

हेल्थ इमरजेंसी – नवंबर की शुरुआत या दिवाली और पराली के पीक सीजन में

इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को है। ऐसे में यह सभी स्थितियां अक्टूबर में ही आने का अंदेशा है।

बेहद खराब – अक्टूबर के मध्य तक।

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