भिवाड़ी बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं लोग
दिल्ली-एनसीआर में एक अक्टूबर से लागू होगा ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान
NCR Times Digital Desk. सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले आगामी एक अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रेप) की पाबंदिय लागू हो जाएंगी। हालांकि अभी ग्रेप लागू होने में 12 दिन बाकी है लेकिन रविवार को कई स्थानों पर कचरा जलता रहा तथा सड़कों से उड़ती धूल की वजह से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हुई। अवकाश होने के बावजूद रविवार को भिवाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जिससे आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक रविवार को भिवाड़ी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 182 तक पहुंच गया तथा पर्टिकुलेट मैटर 2.5 व 10 क्रमशः 325 व 229 दर्ज किया गया। यहां बता दें कि पिछले साल भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा था, जिससे औद्योगिक नगरी के माथे पर प्रदूषण का धब्बा लगा था लेकिन इससे अभी तक अधिकारियों ने सबक हासिल नहीं किया है।
भिवाड़ी की आबोहवा में ज़हर घोलने का जिम्मेदार कौन
भिवाड़ी में ग्रेप लागू होने से पहले ही भिवाड़ी की हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है लेकिन बीडा, नगर परिषद व रीको जैसे सरकारी महकमे इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय नहीं कर सके हैं। भिवाड़ी में जगह-जगह बैठे कबाड़ी खुलेआम कचरा जलाकर प्रदूषण फैला रहे हैं। यहां बता दें कि राजस्थान सरकार ने भिवाड़ी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खोला हुआ है लेकिन यह महकमा भिवाड़ी को साफ सुथरा बनाने में विफल रहा है। आरपीसीबी के अधिकारियों के कामकाज करने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके दफ्तर के नज़दीक सड़कों पर कचरे का ढेर लगा हुआ है और टूटी सड़कों से धूल उड़ रही है लेकिन इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में भिवाड़ी के आवासीय व औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों के किनारे पड़े बिल्डिंग मैटेरियल, कचरे के ढेर एवं टूटी सड़कों से उड़ती धूल को रोक पाना मुश्किल है। आरपीसीबी के आरओ अमित शर्मा प्रदूषण फैलाने वालों पर लगाम कसने के बजाय यह कहकर बचने की कोशिश करते हैं कि इन लोगों के खिलाफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन कार्रवाई करेगा।
30 सितंबर तक चलेंगे डीजल जनरेटर
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (air quality management commission) के एक आदेश से एनसीआर में काम करने वाले उद्योग जगत की सांस फूल गई हैं। आयोग ने 30 सितंबर तक एनसीआर के उद्योगों में डीजल आधारित जनरेटर सेट और बायलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के अनुपालन के लिए 30 सितंबर की आखरी तारीख उन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए हैं, जहां पीएनजी उपलब्ध है। जहां पीएनजी उपलब्ध नहीं है, वहां एक जनवरी 2023 तक डीजल जनरेटर और कोयले या लकड़ी से चल रहे बायलर पीएनजी पर शिफ्ट करने के आदेश हैं।