
राजस्थान में सुचारु बिजली आपूर्ति के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय, उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से मिलेगी गुणवत्तापूर्ण बिजली

NCR Times Jaipur। मानसून का दौर धीमा पड़ने और तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए आगामी अक्टूबर माह में प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है। बिजली की बढ़ी हुई मांग और भी चुनौतीपूर्ण इसलिए हो रही है क्योंकि PEKB Chhatisgarh खान से प्राप्त होने वाले कोयले की आपूर्ति वहां के स्थानीय आंदोलन के कारण बंद हो गई है। इसके कारण राजस्थान उत्पादन निगम को मिलने वाले 9 प्रतिदिन रैक्स की संख्या में कमी आई है। यह कमी विद्युत उत्पादन को प्राप्त होने वाले कुल कोयले की लगभग 40 प्रतिशत है। इस स्थिति में प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू रखने के लिए ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं डिस्कॉम्स अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ऊर्जा विभाग, ऊर्जा विकास निगम एवं राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों ने विचार-विमर्श कर प्रयासों में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम भास्कर ए. सावंत ने बताया कि बैठक में विचार-विमर्श के बाद लिए गए निर्णयों के तहत कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड से अनुबंधित 380 मेगावाट बिजली आपूर्ति पुनः आरम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा तय दर पर बिजली लेने का निर्णय किया गया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों से प्राप्त पॉवर बैंकिंग के प्रस्ताव के अनुसार माह नवम्बर, 2022 से मार्च, 2023 तक प्रति दिन 1000 मेगावाट से 1500 मेगावाट तक ‘बिजली बैंकिग व्यवस्था’ के आधार पर लेने हेतु उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के साथ वार्ता कर उसे अंतिम रूप दिया गया है। गौरतलब है कि यह बिजली गत वर्ष उत्तर प्रदेश और पंजाब से बैंकिग व्यवस्था में प्राप्त बिजली से भी अधिक है और इससे रबी सीजन के समय राजस्थान डिस्कॉम्स को अच्छी राहत मिलेगी।

एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसके तहत हाल ही में अल्पकालीन आपूर्ति के लिए निविदा के माध्यम से बिजली लेने हेतु प्रयास किये गए थे परन्तु इसमें प्राप्त अधिक दर को देखते हुए पारम्परिक निविदा की पद्धति के आधार पर बिजली क्रय करने के बजाय, एक्सचेंज में तय नई व्यवस्था ‘‘टर्म अहेड’’ का उपयोग करके, उसी माध्यम से 300 मेगावाट तक बिजली प्राप्त करने की योजना को अंतिम रूप दिया गया।

प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम भास्कर ए. सावंत ने बताया कि छत्तीसगढ़ से आपूर्ति बाधित कोयले की एवज में भारत सरकार द्वारा बाधित आपूर्ति के 50 प्रतिशत मात्रा के कोयले का आवंटन ‘ब्रिज लिंकेज’ व्यवस्था में किया गया है परन्तु यह कोयला ‘महानदी कोल्ड फील्ड लिमिटेड’ (उड़ीसा राज्य) से उठाना पड़ रहा है और इस लंबी दूरी के रूट में रेल रैक्स की उपलब्धता सीमित होने से कोयला उठाने मेें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए इस कोयले को भारत के पूर्वी तट (पैरादीप पोर्ट) से पश्चिमी तट पर लाने का और वहां से रेल व्यवस्था से राजस्थान में लाने का निर्णय किया गया। इसके क्रियान्वयन हेतु कोल हैंडलिंग हेतु विद्युत उत्पादन निगम द्वारा अल्प कालीन निविदा भी जारी की गई। रेल रूट के साथ-साथ रेल-शिप-रेल मोड से भी कोयला आने से कोयले की आपूर्ति में सुनिश्चत रूप से सुधार होगा। इस कोयले के आवंटन की मात्रा में बढ़ोतरी करने हेतु भारत सरकार के समक्ष लगातार प्रयास जारी हैं एवं इन प्रयासों में तेजी लाने के लिए 20 सितम्बर, 2022 को केन्द्रीय कोल मंत्री से राज्य के ऊर्जा मंत्री अधिकारियों की टीम के साथ वार्ता भी करेंगे। इन निर्णयों के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए समस्त अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।

