♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

नीतिगत बदलावों से एमएसएमई में मॉडल स्टेट बन रहा राजस्थान

प्रदेश की जीडीपी में 24 प्रतिशत से अधिक का योगदान

-राज्य की पहली एमएसएमई नीति में 20 हजार नई इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य

-एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

NCR Times Jaipur। राजस्थान में उद्योगों एवं निवेश के लिए बेस्ट डेस्टीनेशन बनाने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच से प्रदेश एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों में लिए गए नीतिगत निर्णयों के चलते राज्य में एमएसएमई क्षेत्र ने काफी तेजी से गति पकड़ी है और शनिवार को जारी होने वाली राज्य की पहली एमएसएमई और हस्तशिल्प नीति इस पहल को परवान चढ़ाने में कारगर होगी।
राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के साथ-साथ निर्यात में एमएसएमई के योगदान को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एमएसएमई नीति-2022 लेकर आई है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों के लिए अनुकूल नियामक वातावरण तैयार करने के साथ ही उन्हें अधिक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लाई जा रही इस नीति में बेहतरीन प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं। नीति में 10 हजार करोड़ रूपये के संचयी निवेश और एक लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन के साथ ही 20 हजार नई एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इस नीति में शून्य दोष, शून्य प्रभाव (जेडईडी) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए 9 हजार एमएसएमई उद्यमों को सुविधाएं मुहैया करवाना प्रस्तावित है।

नई नीति से होगा एमएसएमई के बुनियादी ढांचे का विकास

अतिरिक्त मुख्य सचिव ( उद्योग) वीनू गुप्ता ने बताया कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2022 राज्य में तीव्र गति से औद्योगिक विकास के साथ नये औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करेगी। यह नीति रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के साथ ही ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भी सहयोग प्रदान करेगी। इस नीति में उद्यमों से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं जैसे उद्योगों के लिए भूमि एवं बुनियादी ढांचे का विकास, स्मार्ट इंडस्ट्रीयल एरिया का विकास, एमएसएमई कलस्टर्स का विकास, गुणवत्ता सुधार, विपणन एवं व्यवसाय विकास के लिए सहायता, निर्यात प्रोत्साहन सहायता, व्यवसाय एवं सेवाओं को बढ़ावा, महिला उद्यमियों का सशक्तीकरण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और निःशक्तजन श्रेणियों के लिए विशेष प्रावधान, पर्यावरण संरक्षण में सहायता करने के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को प्रोत्साहन और पुरस्कार प्रदान करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान समाहित किए गए हैं।

निरीक्षण से छूट की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर होगी 5 वर्ष

उद्योग आयुक्त महेन्द्र पारख ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राजस्थान सरकार ने राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-2019 अधिनियम बनाकर एमएसएमई इकाइयों की स्थापना और प्रवर्तन के लिए अनुमोदन और निरीक्षणों में 3 वर्ष की छूट प्रदान की थी। अब राज्य सरकार राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम अधिनियम-2022 में 3 वर्ष की इस अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष करने जा रही है।

पिछले 4 साल में 37 लाख 33 हजार को मिला रोजगार

गौरतलब है कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-2019 अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य राजस्थान की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का योगदान बढ़ाना था। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और राजस्थान में एमएसएमई क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ा है। इस क्षेत्र से प्रदेश में विगत चार वर्ष में 37 लाख 33 हजार 628 लोगों को रोजगार मिला है और जीडीपी में इसका योगदान 24.50 प्रतिशत आंका गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एमएसएमई उद्योगों का कुल निर्यात 72 हजार करोड़ रूपए का रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

केंद्र सरकार के कामकाज से क्या आप सहमत हैं

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129