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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कचरे का निस्तारण नहीं करने पर महाराष्ट्र सरकार पर लगाया 12 हजार करोड़ का जुर्माना

पश्चिम बंगाल सरकार पर भी हाल में लगाया गया है 3500 करोड़ का जुर्माना

Delhi. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर महाराष्ट्र सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने कहा कि राज्य ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन में विफल रहा है। राज्य पर यह जुर्माना एनजीटी की धारा-15 के तहत लगाया गया है। गौरतलब है कि एनजीटी ने हाल में पश्चिम बंगाल सरकार पर भी 3,500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कथित रूप से प्रबंधन नहीं करने पर उसने बंगाल को ये जुर्माना भरने को कहा था।

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने निर्देश पारित करते हुए कहा कि ठोस व तरल कचरे का प्रबंधन नहीं करने पर एनजीटी अधिनियम के तहत उपरोक्त जुर्माना लगाना जरूरी है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि आदेश पारित करने के बावजूद पिछले आठ वर्षों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और पांच वर्षों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कोई ठोस परिणाम नहीं दिखे हैं। वैधानिक और निर्धारित समयसीमा समाप्त होने के बावजूद हालत जस की तस है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि दो महीने के भीतर एक अलग रिंग-फेन्सड खाते में महाराष्ट्र सरकार यह जुर्माना राशि जमा करा सकती है। एनजीटी ने कहा कि ठोस व तरह कचरे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रिब्यूनल द्वारा निगरानी की जा रही है।

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