राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 पर आमुखीकरण कार्यशाला : व्यवसायिक और शैक्षणिक शिक्षा का हो एकीकरण -शिक्षा मंत्री

NCR Times Education Desk. राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ . बी.डी. कल्ला ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायिक एवं शैक्षणिक शिक्षा के एकीकरण की आवश्यकता जताई। डॉ. कल्ला ने मंगलवार को भगवंत सिंह मेहता सभागार, रीपा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर, स्कूली शिक्षकों के लिए आयोजित एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में उद्बोधन देते हुए यह बात कही। डॉ. कल्ला ने कहा कि देश में कार्यशील जनसंख्या की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बच्चाें को शिक्षा के माध्यम से इस प्रकार तैयार करना चाहिए कि वे शिक्षित भी हों एवं देश का उत्पादन बढ़ाने में भी सहायक हों। डॉ. कल्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के राज्य में क्रियान्यवन को लेकर बताया कि राजस्थान इस संबंध में नीति बना चुका है, क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रबन्ध किये जा चुके हैं। उन्होंने इस नीति की अच्छाइयां ग्रहण करने व कमियां दूर करने की आवश्यकता बताई।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के विज़न में उच्चतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा से भारत को जीवन्त और न्याय संगत ज्ञान समाज में बदलने में योगदान करना, मौलिक कत्र्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति गहरा बोध विकसित करना, मानवाधिकारों, स्थायी विकास, वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना आदि शामिल हैं। जिसके क्रियान्वयन के लिए प्रांरभिक बचपन देखभाल शिक्षा, मूलभूत साक्षरता, बच्चों को 360 डिग्री समग्र प्रगतिकार्ड, विषयों पर समान जोर, राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र की स्थापना सहित करीब 17 प्रमुख बिन्दू इस नीति में मौजूद हैं।

इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने कहा कि बदलती दुनिया-परिस्थितियों, नये आयामों, शिक्षा क्षेत्र की नई चुनौतियों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ज़रूरत पड़ी। उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के जनसाधारण के बच्चों की पहुंच के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूलों के उपलब्ध होने के अहम विज़न का भी उल्लेख किया।

इस कार्यशाला में नई शिक्षा नीति को लेकर अति. मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा, पवन कुमार गोयल, राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा गौरव अग्रवाल ने अपने-अपने विचार रखे और अपने-अपने तरीकों से प्रतिभागियों को नीति का अध्ययन कर व्यापक स्तर तक लाभ पहुँचाने को कहा। कार्यशाला में यूनिसेफ एवं शिक्षा विशेषज्ञों ने अपने सेशन्स में इस नीति के बिन्दुओं को व्यापक रूप से प्रतिभागियों के समक्ष रखा। राज्य भर से आये लगभग 170 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं वक्ताओं से जिज्ञासु प्रश्न पूछे एवं सुझाव भी दिये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के उपनिदेशक मानाराम जाखड़ ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के निर्माण के संदर्भ में डिजिटल सर्वे की प्रक्रिया को विस्तार से बताया। कार्यशाला का आयोजन अति. परियोजना निदेशक मुरारीलाल शर्मा के दिशा-निर्देशों में किया गया। कार्यशाला में अतिथियों के आगमन पर स्कूल व्याख्याताओं द्वारा ‘‘थाको स्वागत जी मेहमान….‘‘ गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी गई।

