दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर से 5 हजार कार चोरी करने वाली गिरोह का सरगना गिरफ्तार
181 आपराधिक मामलों में शामिल है आरोपी
एनसीआर टाईम्स, दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 1998 से अब तक 5000 कारों की चोरी करने वाले कार चोर गिरोह के सरगना को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इतना ही नहीं, 181 आपराधिक मामलों में भी उसकी संलिप्तता पाई गई है। आरोपी खानपुर एक्सटेंशन निवासी अनिल चौहान (52) मूलरूप से असम के तेजपुर का रहने वाला है। वह पूर्वोत्तर राज्य में गैंडे के सींग की तस्करी के लिए भी कुख्यात था। इसके साथ ही वह अवैध हथियारों की आपूर्ति में भी सक्रिय रूप से शामिल था।डीसीपी (सेंट्रल) श्वेता चौहान ने बताया कि आरोपी अनिल चौहान पहले असम सरकार में क्लास-वन का ठेकेदार था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उसके घर पर छापेमारी के बाद उसकी सारी संपत्ति को जब्त कर नीलाम कर दिया गया था। इसके बाद उसने फिर से चोरी करना शुरू कर दिया।
बांग्लादेश व नेपाल में भी बेचता था चुराई गई गाड़ियां
मध्य जिले के स्पेशल स्टाफ ने देश के मोस्ट वांटेड वाहन चोरों में शामिल एक कुख्यात वाहन चोर को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ कई राज्यों में विभिन्न तरह के आपराधिक मामलों की 181 प्राथमिकी दर्ज है। आरोपित न केवल अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर विभिन्न राज्यों से वाहन चोरी करता था, बल्कि दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों के वाहन चोरों से चोरी की गाड़ियां खरीद कर उसे बांग्लादेश, नेपाल व पूर्वोत्तर के राज्यों में नागा व अन्य को सस्ती कीमत में गाड़ियां बेच देता था।
लेफ्टिनेंट का बेटा है अनिल
डीसीपी मध्य जिला श्वेता चौहान के मुताबिक गिरफ्तार वाहन चोर का नाम अनिल चौहान है। उसके पिता लेफ्टिनेंट हैं। वह मूलरूप से खानपुर एक्सटेंशन, दिल्ली का रहने वाला है लेकिन आपराधिक वारदातों में लिप्त होने के कारण उसने सालों से सोनितपुर तेजपुर, असम में अपना कई ठिकाना बना रखा था। पुलिस का कहना है कि अनिल चौहान, असम सरकार में प्रथम श्रेणी का ठेकेदार हुआ करता था।
असम में गैंडे की सींग की करता था तस्करी
हेराफेरी में फंसने पर ईडी द्वारा उसकी सारी संपत्ति जब्त कर ली गई और बैंक ने सारी संपत्ति नीलामी कर दी। इसके बाद उसने वाहन चोरी को अपना मुख्य धंधा बना लिया। वह पहले असम में गैंडे के सींग की भी तस्करी करता था,जिससे असम में वह मशहूर सींग तस्कर के तौर पर भी जाना जाता है।
वाहन चोरों का गुरु है आरोपी
पुलिस का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों के वाहन चोरों से चोरी के वाहन खरीदने के कारण इसे वाहन चोरों का गुरु भी कहा जाता है। इसे गाड़ियों की नकली चाबियां बनाने में महारत हासिल है। 2015 से रिमाेर्ट वाली चाबी आने पर इसने स्कैनर के जरिए रिमोर्ट बनाना सीख लिया था। कहा जाता है गाड़ी चोरी करने के बाद इसे पीछा करके पकड़ना आसान नहीं होता है। कई राज्यों में भागने के क्रम में यह पुलिस के वाहनों में टक्कर मार चुका है। वह असम से फ्लाइट से वारदात करने दिल्ली आता है। इसकी निशानदेही पर छह पिस्टल व सात कारतूस के अलावा चोरी की एक बाइक व एक कार बरामद की गई है। उक्त हथियार इसने दिल्ली में खरीदी थी जिसे असम में बदमाशों को आपूर्ति करनी थी।
इंस्पेक्टर संदीप गोदारा की टीम ने पकड़ा
मध्य जिला के स्पेशल स्टाफ को गत दिनों अनिल चौहान के देश बंधु गुप्ता रोड इलाके में आने की सूचना मिली थी। उक्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर संदीप गोदारा की टीम ने एक पिस्टल व दो कारतूस के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से चोरी की बाइक मिली। बाद में उसकी निशानदेही पर पांच और पिस्टल व पांच कारतूस समेत चोरी की कार बरामद हुई।
1998 में शुरू की वाहन चोरी की वारदात
अनिल ने दिल्ली से 12वीं तक की पढ़ाई की है। 1998 में उसने वाहन चोरी करना शुरू किया। कई राज्यों की पुलिस उसे कई बार गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उसे निजामुद्दीन थाने के एक आपराधिक मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी। इसकी तीन पत्नियां और सात बच्चे हैं। 2015 में असम पुलिस ने एक तत्कालीन विधायक के साथ उसे गिरफ्तार किया था।