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राजस्थान के कुख्यात बदमाश हरीश उर्फ हरिया समेत गैंग के चार बदमाश गिरफ्तार, हरिया के खिलाफ देशभर में 50 से ज़्यादा मामले हैं दर्ज

राजस्थान के अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, यूपी व उत्तराखंड आदि राज्यों में जाकर ज्वेलरी शोरूम, इलेक्ट्रानिक व कपड़े की दुकानों में करते वारदात

एनसीआर टाईम्स, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के रहने वाले कुख्यात हरीश उर्फ हरिया समेत गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह राजस्थान के अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, यूपी व उत्तराखंड आदि राज्यों में जाकर ज्वेलरी शोरूम, इलेक्ट्रानिक व कपड़े की दुकानों को निशाना बनाते थे। सभी अपने पास हथियार भी रखते थे ताकि जरूरत पड़ने पर निजी सुरक्षा गार्डों, पुलिस व राहगीरों से आसानी से मुकाबला कर मौके से भागने में कामयाब हो सके।

 राजस्थान के बांसवाड़ा के रहने वाले हैं आरोपी निवासी

संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच धीरेंद्र कुमार के मुताबिक गिरफ्तार किए बदमाशों के नाम दिनेश सरपोता, राकेश उर्फ दिनेश, प्रमेश व यशपाल है। चारों बांसवाड़ा, राजस्थान के रहने वाले हैं। हरीश उर्फ हरिया गिरोह का सरगना है। इसके खिलाफ कई राज्यों में चोरी की 50 से अधिक प्राथमिकी दर्ज है।

दिल्ली में वारदात करके भाग जाते थे राजस्थान

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि राजस्थान, बांसवाड़ा के रहने वाले हरिया गिरोह के कुछ सदस्य अपराध करने दिल्ली आ रहे हैं। इनके पास ताले तोड़ने के लिए उपकरण व हथियार भी हैं। एसीपी नरेंद्र सिंह व इंस्पेक्टर व संदीप कुमार स्वामी के नेतृत्व में एसआई सुखविंदर सिंह, प्रदीप कुमार, एएसआइ युद्धवीर, प्रीतम चंद, अनिल कुमार, कुलभूषण, नरेश कुमार, हवलदार संजीव कुमार, कपिल, सिपाही विनोद, सुमित व सोहित की टीम ने भलस्वा डेयरी के पास चारों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच से पता चला कि यह गिरोह पैन इंडिया लेवल पर काम करता है। हरीश, गिरोह के सदस्यों को हथियार, गोलाबारूद और घर तोड़ने के उपकरण मुहैया कराता है। साथ ही वह टारगेट भी बताया था। खुद से टारगेट वाली दुकानों की रेकी करने बाद वह वारदात को अंजाम देता था। कई वारदात करने के बाद सभी वापस राजस्थान लौट जाते थे, जिससे पुलिस को इनके बारे में पता लगाना मुश्किल हो जाता था। पकड़े जाने के डर से ये लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे। अपराध करते समय ये लोग काले कपड़े व मास्क पहन लेते थे।

 

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