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लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के प्रयास संतोषजनक, बीमारी को जल्द नियंत्रित करने में सफल होंगे, केन्द्र सरकार करेगी हर संभव मदद

एनसीआर टाईम्स, जयपुर। केन्द्रीय पशुपालन मंत्री पुरूषोतम रूपाला ने कहा कि मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर गंभीर प्रयास कर रही है और जल्द ही इसे नियंत्रित करने में सफल होंगे। उन्होंने बीमारी से बचाव के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को संतोषजनक बताते हुए केन्द्र से हर संभव मदद करने के लिए आश्वस्त किया। रूपाला शनिवार को यहां शासन सचिवालय में राज्य सरकार के मंत्रियों तथा विभागीय अधिकारियों के साथ प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा कर रहे थे।
केन्द्रीय पशुपालन मंत्री ने कहा कि इस वायरस जनित बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरी क्षमता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो पशु इससे सक्रंमित हो गए हैं, उन्हें स्वस्थ पशुओं से अलग रखें और स्वस्थ पशुओं का वेक्सीनेशन कराएं। इसके लिए डेडिकेटेड आइसोलेशन सेंटर भी बनाए जाएं, ताकि संक्रमण रोकने में मदद मिले और चिकित्सा एवं देखभाल करना आसान हो। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए गोट पॉक्स वेक्सीन पूरी तरह कारगर है। अति प्रभावित क्षेत्र में 3 एमएल के डोज का उपयोग करें और कम प्रभावित एवं अप्रभावित क्षेत्र के पशुओं को 1 एमएल का डोज लगाएं।
केन्द्रीय मंत्री रूपाला ने वेक्सीन एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ प्राथमिकता से फंड देने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एसडीआरएफ का तुरंत प्रभाव से उपयोग करना शुरू करें और केन्द्र सरकार से जहां अनुमति की आवश्यकता हो तो शीघ्र प्रस्ताव बनाकर भिजवाएं। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी मांगों का गंभीरता से आंकलन कर मदद की जाएगी। श्री रूपाला ने राज्य सरकार की ओर से अलग गोपालन विभाग बनाने की पहल और गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रशंसनीय बताया।
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराते हुए बताया कि इसके लिए पूरी गंभीरता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं और हर स्तर से प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है और सभी को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और चिकित्सा दल मौके पर पहुंचकर गायों का उपचार कर रहे हैं। गौशालाओं में स्वच्छता एवं रखरखाव तथा मृत पशुओं को वैज्ञानिक विधि से निस्तारित करने के लिए अभियान के रूप में कार्य किया जा रहा है। किसान-पशुपालकों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग को भी जोड़ा गया है। जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन भी आगे आकर पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय पशुपालन मंत्री से विशेषज्ञ दल भिजवाने का आग्रह करते हुए संक्रामक बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से हर संभव सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के प्रदेश का दौरा करने के लिए उनका आभार जताया।
गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं और प्रभारी मंत्रियों की बैठक लेकर इस बीमारी से गौवंश को बचाने के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए केन्द्र सरकार से भी अनुदान प्रदान करने का आग्रह किया। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने धरातलीय स्थिति से अवगत कराते हुए फील्ड में दवाओं एवं वेक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने, प्रभावित पशुपालकों को आर्थिक संभल प्रदान कर नुकसान की भरपाई करवाने तथा गौशालाओं को विशेष अनुदान देने का आग्रह किया। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के समन्वय से ज्यादा तेजी से कार्य करने पर बल दिया।
केन्द्रीय पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक ने बताया कि लम्पी स्किन वायरस की कोरोना वायरस से कोई तुलना नहीं की जा सकती है। कोरोना एक आरएनए वायरस है, जो अपना स्वरूप बदलता रहता है, जबकि यह एक पॉक्स वायरस है। इसमें गोट पॉक्स वेक्सीन पूरी तरह प्रभावी है, जिसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए निर्माण कम्पनियों को निर्देश दे दिए गए हैं और इसकी कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन ने बीमारी से प्रभावित क्षेत्र, सक्रंमित गायों की स्थिति, संक्रमण दर, मृत्यु दर एवं बचाव के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार, आरसीडीएफ प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित पशुपालन, गोपालन एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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