गांवों को स्वच्छ व सुन्दर बनाने में महत्वपूर्ण है कार्पाेरेट संस्थानों का जुड़ाव
प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने सीएसआर कॉन्क्लेव में गांवों में ‘विजुअल क्लीनिंग्नेस’’ पर दिया जोर
-यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय कॉन्क्लेव में कई कार्पाेरेट संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जताई मिशन से जुडने में रूचि
एनसीआर टाईम्स, जयपुर। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण तैयार करने की मुहिम पिछले दो दशक में कई पड़ाव पार कर चुकी है। वर्ष 2018 में राजस्थान प्रदेश के ओडीएफ घोषित होने के बाद 2022 में ओडीएफ प्लस के मानकों को पूरा करने के साथ ही अब ‘‘विजुअल क्लीनिंग्नेस’’ पर जोर दिया जा रहा है। अर्थात गांवों में स्वच्छता मानक पूरे होने के साथ ही गांवों को स्वच्छ दिखना भी चाहिए। विभिन्न कार्पाेरेट संस्थाएं सरकार के साथ जुड़कर इस लक्ष्य में कई रूप में सहयोग कर सकती हैं। अरोरा मंगलवार को यहां होटल हॉलिडे-इन में यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय ‘‘सीएसआर कॉन्क्लेवः रोल ऑफ कार्पाेरेट्स इन एक्सीलरेटिंग स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण)–II इन राजस्थान’’ में कार्पाेरेट्स प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रही थीं । उन्होंने कहा कि कार्पाेरेट्स के इस अभियान से जुड़ाव का आशय स्वच्छ भारत मिशन में सीएसआर के माध्यम से केवल राशि खर्च करने से ही नहीं है बल्कि विभाग के साथ मिलकर गांवों को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य हासिल करना है।
कॉन्क्लेव में उपस्थित बीकाजी, अल्ट्राटेक सीमेंट, मिराज ग्रुप, मयूर लैदर एवं अन्य कार्पाेरेट संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गांवों की स्वच्छता के लिए काम करने में रूचि दिखाई है। कुछ संस्थाएं गांवों में स्वच्छता के क्षेत्र में पहले ही काम कर भी रही हैं।
पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने 2000 की आबादी के गांव को आधार मानकर एक आदर्श ओडीएफ प्लस गांव के सम्बन्ध में ‘‘ऑपरेशनलाइजिंग सीएसआर इनिशिएटिव इन एसबीएम (ग्रामीण) –II इन राजस्थान’’ विषयक प्रस्तुतीकरण दिया। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन में अनुमत उन सीएसआर गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी जिनसे कार्पाेरेट जुड़ सकते हैं। उन्होंने इस मॉडल के वित्तीय पक्ष एवं व्यावहारिकता की माइक्रो लेवल योजना एवं 3 वर्ष का सस्टेनेबिलटी प्लान भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया । जैन ने सीएसआर एंगेजमेंट मॉडल्स फोर एसबीएम (ग्रामीण)- प्प् के दो मॉडल्स के जरिए बताया कि कार्पाेरेट अपनी सीएसआर गतिविधियों में किसी गांव या ब्लॉक को गोद ले सकते हैं या इसके विभिन्न घटकों की व्यवस्था में सहायता कर सकते हैं। एसबीएम के निदेशक संदेश नायक ने कॉन्क्लेव के आरम्भ में विषय प्रवर्तन करते हुए ओडीएफ, ओडीएफ प्लस और इसके लक्ष्य प्राप्त करने में तकनीकी सहायता, व्यवहार परिवर्तन, क्षमता संवर्द्धन, आईईसी आदि के क्षेत्र में कार्पाेरेट की सहयोगी भूमिका के सम्बन्ध में बताया एवं इस वर्ष के लक्ष्यों की जानकारी दी । यूनिसेफ के वाश विशेषज्ञ रूषभ हेमानी ने राजस्थान की विशेष परिस्थिति में एसबीएम द्वितीय में सीएसआर एंगेजमेंट के सम्बन्ध में जानकारी दी । कॉन्क्लेव में कॉर्पाेरेट संस्थाओं के प्रतिनिधि, एसबीएम एवं पंचायतीराज विभाग एवं यूनिसेफ के अधिकारी शामिल हुए।