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बिजली कम्पनियां युद्धस्तर पर जारी करे कृषि कनेक्शन

  • दो वर्षों में 4.88 लाख कृषि कनेक्शन का लक्ष्य

  • कोयले के विकल्प के रूप में लिग्नाईट के उपयोग पर होगा सर्वे

एनसीआर टाईम्स, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कुल 4 लाख 88 हजार 625 नए व लम्बित कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंगे। सरकार द्वारा ’मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ का भी आरंभ किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है।

 गहलोत मुख्यमंत्री आवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल विद्युत प्रबंधन के कारण प्रदेश में भीषण गर्मी के बावजूद न्यूनतम विद्युत कटौती हुई जिससे आमजन को राहत मिली।

प्रथम चरण में 2.31 लाख कृषि कनेक्शन का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियाें को युद्धस्तर पर कृषि कनेक्शन जारी करने के साथ-साथ गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने के निर्देश दिए। साथ ही, सीएलआरसी (लेबर रेट कॉन्ट्रेक्ट) के ठेकेदारों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने में आ रही बाधाओं का जल्द निस्तारण करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण (2022-23) के लिए 2 लाख 31 हजार 344 कृषि कनेक्शन तथा द्वितीय चरण (2023-24) में 2 लाख 58 हजार 625 नए कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 71207, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 90137 तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 70 हजार कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य दिया गया है। लगभग 50 प्रतिशत कनेक्शन के कार्य टर्नकी के आधार पर और शेष सीएलआरसी के माध्यम से करवाए जाएंगे।

लिग्नाईट के उपयोग पर होगा सर्वे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिजली के वितरण के साथ-साथ उत्पादन और प्रसारण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। पूरे राजस्थान में बिजली के नये ग्रिड, लाइनें तथा सब-स्टेशन विकसित कर इसके नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है। साथ ही, कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए नए विकल्प खोजे जा रहे हैं जिसमें लिग्नाईट का उपयोग सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में लिग्नाईट की भरमार है। उन्होंने लिग्नाईट को दीर्घकालिक समाधान के रूप में आंकने के साथ इसके पूर्ण उपयोग के लिए अधिकारियों को सर्वे करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से गिरल परियोजना का फीडबैक भी लिया।

गहलोत ने प्रदेश में स्थापित विद्युत उत्पादन इकाईयों के सुचारू संचालन और उत्पादन बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए है। आवश्यकता अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि घरेलू, कृषि और औद्योगिक बिजली आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग भास्कर ए सांवत, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम टी. रविकांत, संयुक्त शासन सचिव ऊर्जा विभाग अतुल प्रकाश, ऊर्जा विभाग के सलाहकार ए.के. गुप्ता, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर. के. शर्मा तथा पॉवर ट्रेडिंग के निदेशक पी. एस. सक्सेना उपस्थित थे। इसके अलावा राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के निदेशक अनिल ढाका, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजीत कुमार, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रमोद टाक एवं अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एन एस निर्वाण वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े।

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