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नए संसद भवन में शेरों की मूर्तियों को लेकर उठा विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सोमवार को दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन की छत पर, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था। चार एशियाटिक शेरों को एक वृत्ताकार डिस्क पर दिखाने वाला भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, मौर्य सम्राट अशोक के भारत भर में मिले स्तंभो के ऊपर टिका हुआ होता है। ईसा पूर्व 250 में सम्राट अशोक देश भर में इन स्तंभों को स्थापित करवाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह इसके अनावरण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। तब पहली बार 6.5 मीटर ऊंची, इस 9,500 किलोग्राम की मूर्ति के बारे में पता चला था। ये विशालकाय मूर्ति नई दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन के ठीक बीचोंबीच स्थापित की गई है लेकिन ज़ोर-शोर से किया गया राष्ट्रीय प्रतीक का ये अनावरण, अब एक विवाद का हिस्सा बनता जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि नए संसद भवन में लगने वाले राष्ट्रीय प्रतीक के शेर, अपने वास्तविक ऐतिहासिक ‘लुक’ की तुलना में ‘क्रूर’ दिख रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि मौर्य सम्राट अशोक के शासन में बना चार शेरों वाला ये प्रतीक देश की राजधानी में उपनिवेशवाद की समाप्ति के युग के बाद का ‘मील का पत्थर’ साबित होगा। भारत के विभिन्न हिस्सों में मिले मौर्यकालीन स्तंभो के ऊपर टिका ये प्रतीक सबसे भव्य रूप में वाराणसी के पास सारनाथ में देखने को मिलता है। इसे अब सारनाथ के संग्रहालय में देखा जा सकता है।

उधर सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि वास्तविक शेर, ‘दयालु और राजसी वैभव’ वाले लगते हैं लेकिन नए संसद भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक के शेर ‘गरजते-दहाड़ते’ से नज़र आ रहे हैं। यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है और क्रूरता की तस्वीर पेश करते हैं।

विपक्षी दलों ने की तीखी आलोचना

सोमवार को कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के नेता सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनावरण पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ये कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्ति के विभाजन के विरुद्ध है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी कार्यपालिका के प्रमुख हैं लेकिन संसद भवन विधायिका का प्रतीक है। सीताराम येचुरी ने अनावरण के समय प्रधानमंत्री द्वारा पूजा पर भी प्रश्न उठाए हैं। विपक्षी दलों ने ये भी कहा है कि उन्हें मूर्ति के अनावरण के लिए नहीं बुलाया गया था।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, “सच कहा जाए, सत्यमेव जयते से सिंघमेव जयते में संक्रमण लंबे समय से आत्मा में पूरा हो गया है।” उन्होंने पुराने राष्ट्रीय प्रतीक और नए संसद भवन के शीर्ष पर एक साथ-साथ तस्वीरें भी ट्वीट कीं।

वकील और राजनेता प्रशांत भूषण ने नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक की ढलाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिंचाई की। “गांधी से गोडसे तक; हमारे राष्ट्रीय प्रतीक से लेकर राजसी और शांति से बैठे शेरों के साथ; सेंट्रल विस्टा में निर्माणाधीन नए संसद भवन के शीर्ष के लिए अनावरण किए गए नए राष्ट्रीय प्रतीक तक; नंगे नुकीले शेरों से नाराज शेर। यह मोदी का नया भारत है,” प्रशांत भूषण ने कहा।

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