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सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ” 24 को जयपुर में होगा राज्य स्तरीय कन्वेंशन

श्रमिक संगठन ,संयुक्त किसान मोर्चा के किसान संगठन, दलित-आदिवासी अल्पसंख्यक,महिला संगठन, छात्र-युवा संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वामपंथी , समाजवादी , गांधीवादी संगठनों के नेतृत्वकारी साथी होंगे शामिल

एनसीआर टाईम्स, जयपुर। दलित आदिवासी अल्पसंख्यक दमन प्रतिरोध आंदोलन की बैठक डी.के.छंगानी की अध्यक्षता में मजदूर-किसान भवन जयपुर में सम्पन्न हुई।
बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ सहित अन्य सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी की कड़े शब्दों में निन्दा की गई।
बैठक में उदयपुर में कन्हैया की नृशंस हत्या की भी कड़ी निन्दा की गई। साथ ही इस घटना और उसके बाद में साम्प्रदायिक ताकतों द्वारा किये जा रहे साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयासों की भी भर्त्सना करते हुये सरकार से इन पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की गई। बैठक में “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ” राज्य स्तरीय कन्वेंशन के आयोजन का फैसला किया गया। कन्वेंशन का आयोजन 24-जुलाई को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान सभागार, जवाहर लाल नेहरू मार्ग, जयपुर में किया जायेगा। इस कन्वेंशन मे दलित आदिवासी अल्पसंख्यक दमन प्रतिरोध आंदोलन में शामिल सभी संगठनों के राज्य भर से नेतृत्वकारी साथी शामिल होंगे। इस कन्वेंशन मे देश की जनता की एकता को छिन्न-भिन्न करके सत्ता हासिल करने की भाजपा-आरएसएस की साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति, उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप गति प्राप्त करती अल्पसंख्यकीय प्रति साम्प्रदायिकता, इस सबके पीछे निहित फासीवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजनीतिक-आर्थिक लाभ का गणित और देशी-विदेशी कार्पोरेट्स घरानों द्वारा इस तरह की विभाजनकारी राजनीति के समर्थन के निहितार्थ जैसे विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए उनके खिलाफ संघर्ष और उसे परास्त करने की रणनीति तैयार की जाएगी।
कन्वेंशन में भाजपा-आरएसएस की केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू की जा रही घोर जनविरोधी नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के माध्यम से जनता की रोजी-रोटी पर किये जा रहे हमलों और देशी-विदेशी पूंजीपति आकाओं को लाभ पहुंचाने के लिए लागू की जा रही कार्पोरेट्स परस्त नीतियों पर चर्चा करते हुये राज्य स्तरीय आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके अंतर्गत अग्निपथ योजना, महंगाई, बेरोजगार, किसान विरोधी नीतियों, श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूरों पर किये जा रहे हमलों, मनुवादी सोच के साथ दलितों, आदिवासियों, महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते हमले, नई शिक्षा नीति की आड़ में शिक्षा के निजीकरण और साम्प्रदायिकरण, संवैधानिक संस्थाओं पर हो रहे हमलों और संविधान के धर्मनिरपेक्ष जनतांत्रिक बुनियाद पर निरंतर किये जा रहे हमलों पर चर्चा करते हुये व्यापक संयुक्त आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस कन्वेंशन के भागीदारों में केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ,संयुक्त किसान मोर्चा के किसान संगठनों,दलित-आदिवासी अल्पसंख्यक, महिला संगठनों, छात्र-युवा संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वामपंथी,समाजवादी,गांधीवादी संगठनों के नेतृत्वकारी साथी शामिल होंगे। इसके अलावा सभी धर्मनिरपेक्ष, प्रगतिशील और समान विचारधारा के संगठनों/व्यक्तियों को कन्वेंशन में शामिल करते हुये साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति और जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ एकजुटता आंदोलन खड़ा किया जायेगा। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी, सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय और अन्य राष्ट्रीय नेता कन्वेंशन को सम्बोधित करेंगे।
बैठक में सुमित्रा चोपड़ा,सवाई सिंह,बी.एम.सुंडा, रामकेश गुर्जर, जय सिंह राजोरिया, सरिता पाटिल, मंजुलता, रविन्द्र शुक्ला,टी.सी.राहुल,गुरुचरण सिंह मौड़, डॉ.एम.इकबाल सिद्दीकी, मौसूफ अहमद, कविता शर्मा, संतोष रोजड़ा, तहजीबुल, नीरज चौहान, सुनीता चतुर्वेदी,निशा सिद्धु, मुजम्मिल रिजवी, राजेश बिजारणियां , बिलाल कुरैशी , डॉ. संजय”माधव”, बबलेश , सागर मीणा, हरिशंकर मांडिया सहित अन्य साथियों ने भाग लिया।

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