नकली सोने के बिस्कुट से ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, आरोपी जेसीबी से खुदाई में सोना मिलने की बात कहकर लोगों से करते थे टटलूबाजी
NCR Times, Bhiwadi। भिवाड़ी जिला स्पेशल टीम (DST) ने नकली सोने के बिस्कुट से ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश कर गिरोग के सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपी टपूकड़ा थाना क्षेत्र के नाखनौल गांव का रहने वाला इदरीश उर्फ ईदी है और उसने दिल्ली के व्यापारी से टटलूबाजी कर पांच लाख रुपए ठग लिए थे।
भिवाड़ी जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) प्रभारी एसआई मुकेश कुमार ( SI Mukesh Kumar) ने बताया कि पीड़ित नई दिल्ली ( New Delhi) के सीलमपुर निवासी ऑटो पार्ट्स व्यापारी गुलाम वारिस पुत्र पीर बक्श ने जिला पुलिस अधीक्षक भिवाडी को परिवाद पेश किया था कि गत 10 मार्च को वह अजमेर दरगाह पर गया था, जहां उसकी मुलाकात टपूकड़ा थाना क्षेत्र के नाखनौल निवासी इरशाद से हुई थी। इरशाद ने मुझे बताया कि उसके पास काफी मात्रा में (करीब 50किलो) सोने की मोहरें व बिस्कुट हैं, जिन्हें वह बाजार में नही बेच सकता। इसलिए किसी को चुपचाप सस्ते में बेच दूंगा। गुलाम वारिस ने बताया कि उसे बच्चों की शादी में सोने की जरुरत थी तो उसके बहकावे में आ गया और गत 11अप्रैल को पांच लाख रुपये लेकर भिवाडी आ गया , जहां इरशाद अपने अन्य साथियों के साथ मुझे मिला और नकली सोने के बिस्कुट देकर पांच लाख रुपये ले गए। पीड़ित ने इन बिस्कुटों को चैक करवाया तो वे नकली निकले और इरशाद से संपर्क किया तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगा। इन्होने मेरे एक अन्य साथी वकीलुद्दीन पुत्र मो.कासिम निवासी न्यू सीलमपुर के साथ भी इसी तरह से डेढ़ लाख रुपए की ठगी की है। भिवाड़ी फेज थर्ड थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और वारदात के बारे में साक्ष्य जुटाने के लिए डीएसटी हेड कांस्टेबल सुनील कुमार को टास्क दिया गया। एचसी सुनील ने पीडित व्यापारी से संपर्क करके आरोपियों के हुलिए एवं मोबाइल नम्बर जुटाए और गोपनीय तौर पर सूचनाएं एकत्रित करके उक्त वारदातमें नाखनौल के शातिर टटलूबाज ईदरीश, इलियास, हुसैन व अन्य का शामिल होना वेरीफाई किया। गत बुधवार को हेड कानि. सुनील कुमार को जरिये मुखविर सचूना मिली कि उक्त वारदात को अन्जाम देने वाली गैंग का मुख्य सरगना शातिर टटलूबाज अपने रिश्तेदार से मिलने कहरानी होता हुआ बिलाहेडी आएगा। सचूना पर डीएसटी प्रभारी मुकेश कुमार मय टीम के कहरानी की ओर रवाना हुए। टीम के सदस्यों को एक-एक करके कहरानी पुलिया के आसपास के कच्चे-पक्के रास्तों पर खडा किया। तभी हैड कानि सुनील जिस रास्ते पर खडा होकर रैकी कर रहा था, वहां से आरोपी ईदरीश मुंह के कपडा बांधकर गुजरा लेकिन हैड कानि सुनील कुमार को पहचान लिया और नजर बचाकर तेजी से चलने लगा। अन्य स्टाफ दूरी पर होने के कारण सुनील उन्हें सूचित कर अकेला ही उसके पीछे चल दिया। आरोपी तेजी से भागने लगा लेकिन एक किलोलीटर तक पीछा कर सुनील ने से दबोच लिया और जाब्ता के आने तक उसे पकड़े रहा। डीएसटी ने आरोपी को भिवाड़ी फेज थर्ड थाने के सुपुर्द कर दिया। भिवाड़ी फेज थर्ड पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है।
इस तरह करते हैं टटलुबाजी
1- सबसे पहले आरोपी कई लोगो के पास (जिन्हे टटलूबाज अपनी भाषा में पार्टी कहते है ) फोन करके या किसी स्थान पर मिलकर उन्हे अपने झांसे में लेकर लालच देते है कि हम गरीब आदमी है और मजदूरी का काम करते है। हमें मिट्टी खुदाई के दौरान सोने की ईंटे मिली है। हमें पैसों की जरुरत है, आप इसे सस्ते रेट में खरीद लो।
2- इस प्रकार कई लोगों के पास फोन करने व कई लोगो से सीधे सपंर्क करने पर कुछ लोग लालच में आकर इनके बहकावे में आ जाते हैबतथा सौदा कर लेते है। आरोपी अपना वास्तविक नाम छुपाकर अन्य नाम बताते हैं ।
3- भरतपुर के जुरहेरा ईलाके से दो से ढाई हजार रुपये में सोने जैसी दिखने वाली ईंट खरीद कर लाते हैं। उस ईंट के अलग-अलग जगहों से एक या दो छोटे हिस्से पहले से ही आरी द्वारा काट लेते हैं, फिर सोने को पिघला कर उस हिस्से पर सेट कर देते हैं। कई बार पार्टी समझदार होती है तो वे ईंट के बीच में से सैंपल देने की बात कहते हैं व कुछ लोग दो सैंपल मांगते हैं। इसलिए आरोपी पहले से ही ईंट के कोने वाले सेंपलों के अलावा उसके बीच में भी ड्रील से बारीक हॉल करके उसमें भी पिघला हुआ सोना भरकर रखते हैं ।
4- इसके बाद आरोपी पार्टी को एक स्थान पर बुलाते है तथा पीले रंग की सोने जैसी दिखने वाली धातु (पीतल) की ईंट को दिखाकर लालच देते हैं। सैंपल देते समय ईंट पर छैनी की चोट उस जगह मारते हैं जहां असली सोना सेट किया होता है। चोट से असली सोने का टुकडा अलग हो जाता है, जिसे पार्टी को चैक करवाने के लिए दे देते हैं ।
5- पार्टी उन सैंपल को जब दुकान पर चैक करवाती है तो वह असली सोना बताता है। अब इन्हे टटलूबाजों पर पूरा विश्वास हो जाता है कि वह ईंटे सोने की ही है।
6- इसके बाद वे आरोपियो से सपंर्क करते है तथा उनके बताए स्थान पर जाकर उनसे ईंटों का सौदा करते है। टटलूबाज उन लोगों के लालच का फायदा उठाते है तथा उनसे लाखों रुपये लेकर उन्हे नकली सोने की ईंट पकडा कर उनसे ठगी कर लेते हैं।
7- ठगी के दौरान आरोपी अपने साथ हथियार भी रखते है ताकि पार्टी को इन पर शक होने पर उन्हे डरा धमका कर उनके रुपये लूट कर भाग जाते है ।