होटल में एक हजार रुपए से कम किराए का कमरा लेने पर देना पड़ सकता है जीएसटी
होटल में 1000 रुपए से कम किराए वाले कमरे लेने पर भी जीएसटी देना पड़ सकता है। वहीं निजी अस्पताल में इलाज के दौरान प्रतिदिन 5000 रुपए से अधिक किराए वाले कमरे पर भी जीएसटी लग सकता है। आगामी 28-29 जून को चंडीगढ़ में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन सिफारिशों पर विचार किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने सेवा सेक्टर में जीएसटी के दायरे को बढ़ाने के लिए इस प्रकार की कई सिफारिश की हैं।
- आरबीआइ की तरफ से बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को दी जाने वाली सेवाओं के साथ इंश्योरेंस नियामक प्राधिकरण से जुड़ी सेवाओं को भी जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की गई है।
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री बी.बोम्मई के नेतृत्व में जीओएम का गठन किया गया था।
- काउंसिल की बैठक में जीओएम की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। जीओएम ने इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को तार्किक बनाने के उद्देश्य से कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में भी बदलाव की सिफारिश की है।
- वहीं जीएसटी के चार स्लैब पांच, 12, 18 व 28 को भी बदलने की मंशा जाहिर की गई है। लेकिन खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी को देखते हुए वस्तुओं की जीएसटी दर या जीएसटी स्लैब में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। सरकार फिलहाल किसी भी उस वस्तु की जीएसटी दरों में बदलाव नहीं करेगी जिससे महंगाई को हवा मिल सके। लेकिन सेवा सेक्टर से जुड़ी सिफारिशों पर फैसला किया जा सकता है।
- सूत्रों के मुताबिक अभी होटल में 1000 रुपए से कम किराए वाले कमरे पर जीएसटी नहीं लगने का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। 1001-7500 रुपए किराए वाले कमरे पर 12 फीसद जीएसटी लगता है। लेकिन कई बार होटल मालिक ग्राहक से नकद में भुगतान लेकर 2500-3000 रुपए किराए वाले कमरे का किराया 1000 रुपए से कम दिखाकर जीएसटी की चोरी कर लेता है। इससे होटल मालिक अपनी आय को भी कम दिखाने में सफल हो जाता है।